
वाहनों पर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से चालू वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों की बिक्री पांच से छह प्रतिशत बढ़ जाने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गगया है कि यात्री वाहनों की बिक्री में भी दो से तीन प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक बयान में कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होने वाली 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की नई दर संरचना से मोटर वाहन क्षेत्र में मांग फिर से बढ़ेगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, 'जीएसटी कटौती का पूरा लाभ मिलने से वाहनों की कीमतों में 5-10 प्रतिशत (छोटे यात्री वाहनों पर 30 हजार से 60 हजार रुपये और दोपहिया वाहनों पर 3,000 से 7,000 रुपये) की कमी आने की उम्मीद है।' उन्होंने कहा, 'नवरात्रि और आगामी त्योहारों को देखते हुए इस दर कटौती से बाजार की धारणा को बल मिलेगा। नए उत्पादों की पेशकश, कम ब्याज दरों और बेहतर सामर्थ्य से मोटर वाहन क्षेत्र में दूसरी छमाही में मजबूती आनी चाहिए।'
बयान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों की बिक्री में पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि यात्री वाहनों की बिक्री में दो से तीन बढ़ सकती है। अप्रैल-अगस्त अवधि में दोपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि दर शून्य से एक प्रतिशत के साथ लगभग स्थिर रही जबकि यात्री वाहनों की बिक्री में तीन से चार प्रतिशत की गिरावट आई।
संशोधित जीएसटी ढांचे के तहत, छोटे यात्री वाहनों, 350 सीसी तक के दोपहिया वाहन (इस खंड की बिक्री का लगभग 90 प्रतिशत), वाणिज्यिक वाहन (सीवी) और तिपहिया वाहनों पर टैक्स की दरें 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएंगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, मध्यम एवं बड़े यात्री वाहनों की कीमतों में भी तीन से सात प्रतिशत की कटौती होगी, जबकि ट्रैक्टर पर कर की दरें क्रमशः 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत हो जाएंगी। वाणिज्यिक वाहनों के लिए कम जीएसटी से 1 अक्तूबर, 2025 से अनिवार्य एसी केबिन का प्रावधान लागू होने से लागत में होने वाली बढ़ोतरी की भरपाई हो जाएगी।