
Gold rate: पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। सिर्फ एक साल में ही सोना करीब 50% तक चढ़ गया है। इतना ही नहीं, इस दौरान सोने ने निफ्टी और दूसरे बड़े इंडेक्स को भी पीछे छोड़ दिया। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये बढ़ोतरी सिर्फ घरेलू मांग की वजह से नहीं, बल्कि दुनिया भर की राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं की देन है।
सोने के इस उछाल के पीछे कई बड़े कारण हैं- केंद्रीय बैंकों की तरफ से बड़े पैमाने पर गोल्ड खरीद, रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ता तनाव, डॉलर की कमजोरी, और ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितताएं। इसके अलावा अमेरिकी सरकार के शटडाउन और अहम आर्थिक डेटा के टलने से भी सोने को सपोर्ट मिला है। निवेशकों को अब सोने में सेफ हेवन यानी सुरक्षित ठिकाना नजर आ रहा है।
एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट देव्य गगलानी के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और तुर्की के बीच बढ़ते तनाव ने भी गोल्ड को नई ताकत दी है। भारत अब तुर्की के विरोधी देशों जैसे ग्रीस, साइप्रस और इजरायल के साथ संबंध मजबूत कर रहा है। अगर ये हालात और बिगड़ते हैं, तो ग्लोबल इकॉनमी पर असर पड़ सकता है जिससे गोल्ड और महंगा हो सकता है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के जिगर त्रिवेदी का कहना है कि भारत-तुर्की विवाद और त्योहारी सीजन की डिमांड से गोल्ड को सपोर्ट जरूर मिल सकता है, लेकिन ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचना मुश्किल है। उनके मुताबिक, ₹1.19 लाख से ₹1.22 लाख का स्तर ज्यादा सही और संभव लग रहा है, जब तक कि कोई बड़ी ग्लोबल हलचल न हो जाए।
उन्होंने कहा, “सोने की कीमतों को कई चीजें प्रभावित करती हैं जैसे अमेरिका में ब्याज दरें, महंगाई, मिडिल ईस्ट में तनाव, डॉलर-रुपया का रेट और इम्पोर्ट ड्यूटी। अगर रुपया कमजोर होता है और दुनिया में डर बना रहता है, तो दाम ऊपर जा सकते हैं। लेकिन जब तक हालात बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ते, सोने की तेजी इस बात पर भी टिकी रहेगी कि अमेरिका की फेडरल बैंक क्या फैसला लेती है, ETF में कितना पैसा आता है और भारत में त्योहारों के दौरान मांग कैसी रहती है। इसके अलावा अगर सरकार ड्यूटी में बदलाव करती है या इम्पोर्ट पर रोक लगाती है, तो रिटेल दाम भी बदल सकते हैं। ₹1.25 लाख का टारगेट थोड़ा ज्यादा उम्मीद वाला है, ₹1.19 लाख से ₹1.22 लाख का रेंज फिलहाल ज्यादा सही लगता है, जब तक कि ग्लोबल मार्केट में कोई बड़ा झटका न आए।”
एस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के CEO दर्शन देसाई का मानना है कि हालिया उछाल के बाद सोने में मुनाफावसूली या थोड़ा ठहराव देखने को मिल सकता है। हालांकि, रुपए की गिरावट और त्योहारों की मांग इसे सहारा देती रहेगी। अगर कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय संकट बढ़ा तो सोने में फिर से तेजी लौट सकती है।
तकनीकी रूप से, गोल्ड का बड़ा रेजिस्टेंस लेवल $3,900 (करीब ₹3.46 लाख प्रति 10 ग्राम) के आसपास है। अगर यह स्तर पार होता है, तो सोना $4,000 (लगभग ₹3.55 लाख) तक जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।