
Doller vs Rupee: इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में आज रुपया रेंज बाउंड ट्रेड किया। यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7 पैसों की बढ़ोतरी के साथ 88.68 पर बंद हुआ। रुपया में यह रिकवरी भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के बाद हुई। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि एच1बी वीजा की फीस में बढ़ोतरी और क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी ने रुपये पर दबाव डाला है। हालांकि, निर्यातकों की ओर से डॉलर की बिकवाली और भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की खबरों ने रुपये में तेज गिरावट पर रोक लगा दी।
इसके अलावा निवेशक वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और अमेरिकी वीजा फीस में बढ़ोतरी से भारत के आईटी सर्विसेज एक्सपोर्ट पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित रहे। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.65 पर खुला और कारोबार के दौरान 88.60 के उच्चतम स्तर और 88.70 के निम्नतम स्तर पर रहा।
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि अमेरिकी डॉलर में सुधार और रूस और यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव से वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने के ट्रेंड के कारण रुपया कमजोर बना रहेगा।’
उन्होंने आगे कहा, 'अमेरिकी वीजा फीस बढ़ोतरी का मुद्दा और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें, रुपये पर और दबाव डाल सकती हैं। हालांकि, निर्यातकों की तरफ से डॉलर की बिकवाली से निचले स्तरों पर रुपया को सपोर्ट मिल सकता है। व्यापारी दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP), साप्ताहिक बेरोजगारी दावों और अमेरिका से टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। डॉलर/रुपये की हाजिर कीमत 88.40 से 89.10 के बीच रहने की संभावना है।’
इस बीच, छह करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दिखाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.80 पर रहा। ग्लोबल ऑयल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड फ्यूचर कारोबार में 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69.04 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
वहीं, शेयर बाजार में सेंसेक्स 555.95 अंक टूटकर 81,159.68 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 166.05 अंक की गिरावट के साथ 24,890.85 पर बंद हुआ। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) कैपिटल मार्केट में नेट सेलर बने रहे। उन्होंने बुधवार को 2,425.75 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।