
शेयर बाजार से जुड़ी किसी भी संपत्ति के दस्तावेजों पर नॉमिनी (Nominee) कोई और है, लेकिन कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) कोई और, तो ऐसी संपत्तियों के ट्रांसफर का नियम और आसान हो गया है। बाजार नियामक संस्था सेबी ने नॉमिनी यानी नामित व्यक्ति से कानूनी उत्तराधिकारी को प्रतिभूतियों के हस्तांतरण (Transfer of securities) की प्रक्रिया को सरल कर दिया।
फिलहाल जब कोई नॉमिनी किसी कानूनी उत्तराधिकारी को प्रतिभूतियां हस्तांतरित करता है तो इस लेनदेन को कभी-कभी हस्तांतरण (Transfer) माना जा सकता है और उसका आकलन पूंजीगत लाभ कर (Capital tax gains) लगाने के रूप में किया जा सकता है। हालांकि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 47(3) के तहत इस तरह के ट्रांसफर पर टैक्स नहीं लगना चाहिए।
अब तक के नियम के तहत नॉमिनी बाद में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिफंड का दावा कर सकता है लेकिन इससे उसे अनावश्यक असुविधा होती है। इस समस्या के समाधान के लिए एक कार्य समूह (Working Group) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से परामर्श किया और एक नए रिपोर्टिंग कोड टीएलएच (TLH) के उपयोग की सिफारिश की। TLH, Transfer to Legal Heirs का शॉर्ट फॉर्म है जिसका मतलब कानूनी उत्तराधिकारियों को हस्तांतरण। टीएलएच कोड यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि ऐसे ट्रांसफर की सही ढंग से सूचना दी जाए और उन पर कैपिटल गेंस के रूप में टैक्स नहीं लगाया जाए।
सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा, 'यह निर्णय लिया गया है कि नामित व्यक्ति से कानूनी उत्तराधिकारी को प्रतिभूतियों के हस्तांतरण की रिपोर्ट करते समय रिपोर्टिंग संस्थाएं टीएलएच कोड के उपयोग से सीबीडीटी को सूचित करेंगी ताकि आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का उचित उपयोग हो सके।' 1 जनवरी, 2026 से आरटीए (पंजीयक और हस्तांतरण एजेंट), सूचीबद्ध कंपनियों, डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों सहित सभी रिपोर्टिंग संस्थाएं, सीबीडीटी को इन लेनदेन की रिपोर्ट करते समय 'टीएलएच' कोड का उपयोग करेंगी।
इससे पहले सेबी ने नामित व्यक्तियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को आसान किया था। नामित व्यक्ति मूल प्रतिभूति धारक की प्रतिभूतियों के ट्रस्टी के रूप में कार्य करता है और उत्तराधिकार योजना के अनुरूप प्रतिभूतियों को कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करता है। ध्यान रहे कि किसी भी संपत्ति पर नॉमिनी का अधिकार नहीं बल्कि कानूनी उत्तराधिकारी का अधिकार होता है। अगर कोई कानूनी उत्तराधिकारी ही नॉमिनी है तब तो अलग बात है, लेकिन दोनों एक व्यक्ति नहीं है तो नॉमिनी को संपत्ति कानूनी उत्तराधिकारी को ट्रांसफर करनी पड़ती है।
1. इक्विटी (Equity): इक्विटी का मतलब है किसी कंपनी में मालिकाना हक।
इसमें शामिल होते हैं शेयर (Shares) जो किसी कंपनी में हिस्सेदारी होती है। जब आप शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के आंशिक मालिक बन जाते हैं।
2. ऋण (Debt): ऋण प्रतिभूतियों का मतलब है एक तरह का लोन। इसमें ये शामिल होते हैं-
डिबेंचर (Debentures): यह कंपनी द्वारा जारी किया गया एक तरह का बॉन्ड है, जिस पर कंपनी ब्याज चुकाती है।
सरकारी बॉन्ड (Government Bonds): यह सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इसे सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।
ट्रेजरी बिल (Treasury Bills): ये भी सरकार द्वारा कम समय के लिए जारी किए जाने वाले बॉन्ड हैं।
3. डेरिवेटिव (Derivatives): डेरिवेटिव एक वित्तीय अनुबंध (Financial contract) है जिसका मूल्य किसी और संपत्ति (जैसे शेयर, मुद्रा, या कमोडिटी) के मूल्य से निकलता है।
ऑप्शंस (Options): यह आपको भविष्य में किसी निश्चित कीमत पर कोई संपत्ति खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन यह आपकी बाध्यता नहीं होती।
फ्यूचर्स (Futures): यह एक अनुबंध है जिसमें भविष्य में किसी संपत्ति को एक निश्चित कीमत पर खरीदने या बेचने की बाध्यता होती है।