
Corporate Credit Card: आज के समय में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या काफी तेजी से बढ़ते जा रही है। अब मेट्रो सिटी के अलावा आपको टियर टू और थ्री के शहरों में भी क्रेडिट कार्ड का चलन देखने को मिल जाएगा। इस बीच कई बड़े-बड़े संस्थान अपने कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के मकसद से क्रेडिट कार्ड भी मुहैया कराते हैं। इस क्रेडिट कार्ड को कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड कहा जाता है। यह बैंक या वित्तीय संस्थानों की ओर से कंपनियों को दिए जाते हैं। बाद कंपनियां इन क्रेडिट कार्ड्स को अपने कर्मचारियों को मुहैया कराती हैं। यह कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड व्यक्तिगत क्रेडिट कार्ड से अलग होते हैं।
बता दें कि कॉरपोरेट क्रेडिट कार्ड एक विशेष प्रकार का क्रेडिट कार्ड होता है। इसे कंपनियां बिजनेस या अन्य व्यावसायिक संगठनों को ध्यान में रखकर बनाती हैं। इसकी लिमिट कंपनी की क्रेडिट रेटिंग के आधार पर तय की जाती है।
दरअसल, कर्मचारियों को कंपनी की ओर से व्यावसायिक खर्चों को कवर करने के लिए कॉरपोरेट क्रेडिट कार्ड दिया जाता है। जैसे कई बार मीटिंग के लिए कर्मचारियों को कई यात्रा करनी पड़ती है। इसके अलावा व्यवसाय से जुड़े अन्य कई खर्च भी होते हैं, जिनका भुगतान करने के लिए कंपनी अपने कर्मचारियों को क्रेडिट कार्ड दे देती है। ताकि बाद में बिलों का भुगतान कंपनी के अकाउंट से किया जा सके। कंपनियों को इन कार्ड्स के जरिए सभी खर्च का बिल एकसाथ मिल जाता है। क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होगी यह कंपनी की वित्तीय सेहत पर निर्भर करता है। कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड हमेशा कंपनी के नाम से जारी किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल कर्मचारी करते हैं।
कंपनी अपने कर्मचारियों के व्यावसायिक खर्चों को इनके माध्यम से ट्रैक करती है। कर्मचारियों को यह पता होता है कि कार्ड के जरिए किए गए खर्च कंपनी की निगरानी में होते हैं। लिहाजा वे अधिक खर्च नहीं करते हैं। इसके अलावा यह कंपनी के हाथ में होता है कि वह कर्मचारी की श्रेणियों या उनके खर्च के आधार पर खर्च की लिमिट तय कर सकती है। कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड में यात्रा भत्ते, कैश बैक और रिवॉर्ड पॉइंट भी मिलते हैं। इससे कंपनियों को अपने खर्च में बचत करने में मदद मिलती है।
कंपनियों की ओर से जांच पड़ताल के बाद कर्मचारियों को कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड जारी किए जाते हैं। इसमें कई बार जोखिम भी रहता है। कर्मचारियों को दिए जा रहे हैं सभी क्रेडिट कार्ड के लिए कंपनी एक मास्टर अकाउंट होल्ड करती है। इसी के जरिए इन क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान किया जाता है। इनके माध्यम से कंपनी अपने कर्मचारियों के वित्तीय रिकॉर्ड भी रखती हैं। यह रिस्की उस वक्त हो सकता है जब कर्मचारियों के द्वारा इसका दुरुपयोग किया जाए। जैसे फिशिंग, क्रेडिट कार्ड के नियमों का उल्लंघन, अनधिकृत लेनदेन आदि।