
EPFO: भारत में काम करने वाले लगभग सभी कर्मचारियों का एक पीएफ (प्रोविडेंट फंड) खाता होता है। भारत में पीएफ खातों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation - EPFO) की ओर से ऑपरेट किया जाता है। इस बीच संगठन ने अपने सदस्यों के परिवारों को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला किया है। EPFO ने सेंट्रल बोर्ड कर्मचारियों (केंद्रीय बोर्ड कर्मचारी) को डेथ रिलीफ फंड के तहत मिलने वाली एक्स-ग्रेशिया अमाउंट को करीब दोगुना कर दिया है।
पहले यह 8.8 लाख रुपये था। इसे अब बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। यह फैसला 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है। कहने का मतलब ये हुआ कि इस तारीख के बाद किसी सदस्य की मौत होने पर उसके परिजनों को पुराने 8.8 लाख की बजाय 15 लाख रुपये मिलेंगे। इस फैसले को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (Central Board of Trustees) ने मंजूरी दी है। यह EPFO का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों, नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
UPStox में छपी खबर के मुताबिक, EPFO ने यह भी फैसला लिया है कि 1 अप्रैल 2026 से इस एक्स-ग्रेशिया अमाउंट में सालाना 5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। यानी आने वाले समय में परिवारों को और ज्यादा आर्थिक मदद मिल पाएगी। EPFO ने 19 अगस्त को जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा है कि एक्स-ग्रेशिया राशि को 8.80 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। 15 लाख रुपये की यह राशि केंद्रीय बोर्ड के मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्यों (नामित या कानूनी वारिस) को स्टाफ वेलफेयर फंड से दी जाएगी।
अगर पीएफ सदस्य की मृत्यु हो जाती है और पैसा नाबालिग बच्चों के बैंक खाते में जाना है, तो अब इसके लिए Guardianship Certificate (अभिभावक प्रमाण पत्र) की जरूरत नहीं होगी। कहने का मतलब ये हुआ कि अब नाबालिग बच्चों के लिए क्लेम सेटलमेंट करना पहले से आसान हो गया है।
कई सदस्य अब भी अपना Aadhaar नंबर UAN से लिंक (सीड/वेरिफाई) नहीं कर पाए हैं या उनमें सुधार की जरूरत है। इसके लिए EPFO ने जॉइंट डिक्लेरेशन की प्रक्रिया को और आसान कर दिया है। अब आधार से जुड़ी जानकारी सही कराने और लिंक करने में सदस्यों को परेशानी नहीं होगी।