
अक्सर लोग को सोना-चांदी के गहने खरीदने से पहले हॉलमार्क चेक करते हैं। ताकि पता चल सके कि जिस ज्वैलरी को आप खरीद रहे हैं, वह असली है या नहीं। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि हॉलमार्क के बाद भी आपको नकली ज्वैलरी पकड़ाई जा सकती है। जी हां! ज्वैलरी पर हॉलमार्क होने के बाद भी आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। दरअसल, नोएडा पुलिस ने एक ऐसे ही ठग को पकड़ा है,जो नकली ज्वैलरी पर हॉलमार्क लगाकर लोगों को चूना लगा रहा था।
नोएडा पुलिस ने सोमवार को जानकारी दी कि एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया गया है, जो नकली ज्वैलरी पर हॉलमार्क लगाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, थाना सूरजपुर पुलिस और सर्विलांस टीम ने शनिवार शाम को हरियाणा के पानीपत निवासी पंकज कपूर को गाजियाबाद के इंदिरापुरम के साया अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया।
इस शख्स ने तीन साल से दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाया है। आरोपी नकली गहनों पर शुद्धता की मोहर लगता था और उन्हें लोगों को धोखे से बेच देता था। अधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में गैंगस्टर कानून के तहत दर्ज एक मामले में भी वह वांछित था। आरोपी एक सोना परिवार है और उसके भाई की ज्वैलरी शॉप भी है। पुलिस ने इसके पास से 170 झुमके और अन्य समान बरामद किया है।
बता दें कि हॉलमार्क (Hallmark) सोने-चांदी की ज्वैलरी की शुद्धता का प्रमाण होता है। इसे भारत में ब्यूरो ऑफ ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से प्रमाणित किया जाता है। लेकिन नकली हॉलमार्क की पहचान के लिए कुछ आसान टिप्स हैं, जिससे आप तुरंत असली या नकली हॉलमार्क ज्वैलरी का पता लगा सकते हैं।
1.सबसे पहले अपनी ज्वैलरी पर BIS लोगो चेक करें।
2.इसके बाद 22K के लिए 916, 18K के लिए 750, या 14K के लिए 585 के लिए प्योरिटी ग्रेड चेक करें।
3.BIS-रजिस्टर्ड ज्वेलर का यूनिक लोगो चेक करें।
4.हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो चेक करें।
5.इसके बाद हॉलमार्किंग का ईयर कोड चेक करें। जैसे 2025 के लिए T है।