Land Registry Documents: खसरा, खतौनी, नक्शा… बिना इन दस्तावेजों के नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री

Land Registry Documents: जमीन की रजिस्ट्री से जुड़ी प्रक्रिया में अब पारदर्शिता, दस्तावेजों की जांच और डिजिटल सिस्टम पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इससे खरीदारों को ज्यादा भरोसा मिलेगा और संपत्ति से जुड़ा लेनदेन पहले से आसान और सुरक्षित हो सकेगा।

Priya Shandilya
पब्लिश्ड3 Oct 2025, 03:51 PM IST
बिना इन डॉक्यूमेंट्स के नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री
बिना इन डॉक्यूमेंट्स के नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री

Land Registry Documents: भारत में जमीन की खरीद-फरोख्त हमेशा से एक संवेदनशील मामला रहा है। एक ही प्लॉट को कई बार बेचना, फर्जी दस्तावेज बनाना या कब्जा करना जैसी घटनाएं आम हो गई थीं। इन्हीं गड़बड़ियों को रोकने के लिए सरकार ने रजिस्ट्री के नियमों को और सख्त कर दिया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब कोई भी संपत्ति रजिस्ट्री तभी होगी जब खरीदार और विक्रेता दोनों जरूरी दस्तावेज लेकर आएंगे। ये बदलाव न सिर्फ पारदर्शिता लाते हैं, बल्कि खरीदार को कानूनी सुरक्षा भी देते हैं।

पैन कार्ड और फोटो अब अनिवार्य

अब रजिस्ट्री के वक्त दोनों पक्षों को पैन कार्ड देना जरूरी है। इससे टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी और हर लेन-देन का रिकॉर्ड सरकार के पास रहेगा। साथ ही, पासपोर्ट साइज फोटो भी लगेगी ताकि पहचान में कोई गड़बड़ी न हो।

आधार से पते और पहचान की पुष्टि

आधार कार्ड अब रजिस्ट्री का अनिवार्य हिस्सा है। इससे व्यक्ति की असली पहचान और सही पता दोनों की पुष्टि हो जाती है। ई-केवाईसी की सुविधा से प्रक्रिया भी तेज हो गई है और फर्जी पहचान की गुंजाइश खत्म हो गई है।

जमीन के असली दस्तावेज जरूरी

खसरा नंबर, खतौनी और भू-नक्शा जैसे दस्तावेज अब अनिवार्य हैं। ये बताते हैं कि जमीन किसकी है, कितनी है और कहां है। रजिस्ट्रार अब इन दस्तावेजों को राजस्व रिकॉर्ड से मिलाकर ही रजिस्ट्री करेगा।

सेल एग्रीमेंट और पेमेंट का सबूत

खरीदार और विक्रेता के बीच जो समझौता होता है, उसकी कॉपी भी देनी होगी। साथ में पेमेंट की रसीदें, बैंक स्टेटमेंट या चेक की कॉपी भी लगानी होगी ताकि सब कुछ पारदर्शी रहे।

टैक्स और लोन की रसीदें भी दिखानी होंगी

अगर जमीन पर कोई टैक्स या लोन बकाया है, तो उसकी रसीद या एनओसी देना जरूरी है। इससे खरीदार को बाद में कोई झंझट नहीं झेलना पड़ेगा।

डिजिटल रजिस्ट्री से काम हुआ आसान

पहले जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसील के कई चक्कर लगाने पड़ते थे। अब सरकार ने इस प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है। चालान बनाना हो, दस्तावेज अपलोड करना हो या अपॉइंटमेंट लेना हो, सब कुछ ऑनलाइन हो सकता है। इससे समय की बचत होती है और बिचौलियों से छुटकारा मिलता है। डिजिटल सिस्टम में सारे रिकॉर्ड सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रहते हैं, जिन्हें कभी भी वेरिफाई किया जा सकता है।

कई राज्यों में वीडियो कॉल से रजिस्ट्री की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगी है और खरीदारों का भरोसा बढ़ा है। बायोमेट्रिक पहचान और दस्तावेजी जांच की वजह से एक ही जमीन को बार-बार बेचना अब आसान नहीं रहा। कुल मिलाकर, डिजिटल रजिस्ट्री ने जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया को आसान, सुरक्षित और पारदर्शी बना दिया है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नियम राज्यों के अनुसार अलग हो सकते हैं। खरीद-बिक्री से पहले स्थानीय अधिकारियों या सरकारी वेबसाइट से जानकारी लें और कानूनी सलाह जरूर लें।

Catch all the Business News, Market News, Breaking News Events and Latest News Updates on Live Mint. Download The Mint News App to get Daily Market Updates.

बिजनेस न्यूज़मनीLand Registry Documents: खसरा, खतौनी, नक्शा… बिना इन दस्तावेजों के नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री
More
बिजनेस न्यूज़मनीLand Registry Documents: खसरा, खतौनी, नक्शा… बिना इन दस्तावेजों के नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री