
GST Hike on IPL tickets: IPL का नाम सुनते ही फैंस के दिलों की धड़कन तेज हो जाती है। लेकिन अब अगर आप स्टेडियम में बैठकर मैच का मजा लेना चाहते हैं तो जेब ढीली करनी होगी। सरकार के नए GST ढांचे में IPL टिकटों को सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है।
पहले IPL टिकटों पर 28% GST लगता था। यानी 1000 रुपये का टिकट 1280 रुपये में मिलता था। अब यही टैक्स 40% कर दिया गया है। मतलब वही टिकट अब 1400 रुपये में मिलेगा, यानी हर 1000 रुपये पर 120 रुपये का एक्स्ट्रा टैक्स।
अगर आप छोटे बजट के टिकट लेते हैं तब भी दिक्कत कम नहीं है। 500 रुपये का टिकट पहले 640 में पड़ता था, अब 700 रुपये देना होगा।
1000 रुपये का टिकट अब 1400 रुपये में। 2000 रुपये का टिकट पहले 2560 में मिलता था, अब 2800 रुपये खर्च करने होंगे। हर कैटेगरी के टिकट पर असर पड़ेगा और IPL देखना अब किसी लग्जरी एक्सपीरियंस जैसा हो गया है।
सरकार के जीएसटी सुधार का अब सीधा फायदा खिलाड़ियों को मिलेगा और अब बैडमिंटन रैकेट, क्रिकेट के दस्ताने, फुटबॉल जैसी चीजें पहले से सस्ती मिलेगी। दर्शकों को आईपीएल देखने के लिए अब ज्यादा जेब ढीली करनी होगी तो वहीं खेल उपकरण और सामान खरीदना आसान और किफायती होगा।
सरकार ने IPL और इसी तरह के हाई-वैल्यू स्पोर्ट्स इवेंट्स को ‘नॉन-एसेंशियल और लग्जरी कैटेगरी’ में डाल दिया है। इसलिए इन्हें उसी टैक्स स्लैब में रखा गया है जिसमें कैसिनो, रेस क्लब और लग्जरी सामान आते हैं। जबकि आम क्रिकेट मैचों के टिकटों पर अभी भी 18% GST ही है।
जहां IPL टिकट महंगे हुए हैं, वहीं फिल्म देखने वालों के लिए खुशखबरी है। 100 रुपये तक की मूवी टिकटों पर अब सिर्फ 5% GST लगेगा, पहले यह 12% था। यानी छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन थिएटरों में सिनेमा देखना सस्ता हो जाएगा। 100 रुपये से ऊपर वाले टिकटों पर टैक्स पहले की तरह ही 18% रहेगा। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे दर्शक फिर से थिएटरों की ओर लौट सकते हैं और इंडस्ट्री की कमाई बढ़ सकती है।
IPL पहले ही दुनिया का सबसे महंगा क्रिकेट टूर्नामेंट माना जाता है। अब 40% GST के बाद आम दर्शकों के लिए टिकट लेना और मुश्किल हो जाएगा। ऊपर से स्टेडियम चार्ज और ऑनलाइन बुकिंग फीस जोड़ लें तो क्रिकेट अब सिर्फ जुनून ही नहीं बल्कि जेब पर भारी खर्च का खेल भी बन गया है।
बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) दरों में बदलाव की घोषणा की। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में जो नई दरें मंजूर हुई हैं उसके तहत अब 12 फीसदी और 28 फीसदी के स्लैब को खत्म कर सिर्फ 5 फीसदी और 18 फीसदी कर दिया गया है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।