Personal Loan: भारत में ऑनलाइन पर्सनल लोन हासिल करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। कई बैंक और वित्तीय संस्थान ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराते हैं। इसे आप घर बैठे एप्लीकेशन भर सकते हैं। कहीं आपको किसी दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती। आसानी से आपके बैंक अकाउंट में पर्सनल लोन की रकम पहुंच जाएगी। वैसे भी आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन लोन के लिए अब बैंक की शाखा में जाने और लंबी कागजी कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। इंटरनेट की बढ़ती पहुँच और वित्तीय डिजिटलीकरण ने ऑनलाइन पर्सनल लोन को वित्तीय आपात स्थितियों से निपटने का एक पसंदीदा तरीका बना दिया है।
आवेदन सरल, तेज़ है और इसे लगभग किसी भी स्थान से ऑनलाइन लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ऐसे में आपको पर्सनल लोन के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि भारत में ऑनलाइन पर्सनल लोन मुहैया कराने वाली कंपनियां कैसे काम करती हैं।
ऑनलाइन पर्सनल लोन एक तरह का असुरक्षित लोन है। जिसके लिए डिजिटल तरीके से अप्लाई किया जा सकता है और उसे प्रोसेस किया जा सकता है। इन लोन के लिए किसी भी तरह की जमानत की जरूरत नहीं होती है। ऐसे लोन का इस्तेमाल मेडिकल बिल, शिक्षा, घर के रखरखाव या छुट्टियों जैसी अल्पकालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। पर्सनल लोन हासिल करने के लिए संबंधित संस्था से ऑनलाइन संपर्क करना होता है। आप उनके ऐप से आधिकारिक वेबसाइट के जरिए पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
ऑनलाइन पर्सनल लोन के लिए सबसे पहले ऑनलाइन एप्लीकेशन भरा जाता है। इसके लिए संबंधित संस्था की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप के जरिए अप्लाई करना होता है। इससे लोन लेने वाले शख्स की वित्तीय जानकारी हासिल की जाती है। आपके पैन और आधार कार्ड से लोन देने वाली संस्था विश्लेषण करती है कि जिसे लोन दे रहे हैं, वो पात्र है या नहीं।
एप्लीकेशन फॉर्म भरने के बाद आपको पहचान, पता और आय के सत्यापन के लिए कुछ दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे। जिसमें पहचान प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड लगाना होता है। पते के लिए बिजली बिल या वोटर आईडी लगाना होगा। आय प्रमाण पत्र के लिए सैलरी स्लिप या बैंक स्टेटमेंट लगा सकते हैं। कुछ लोन देने वाली कंपनियां सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऑनलाइन सत्यापन की अनुमति दे सकते हैं।
एक बार जब आपकी जानकारी सत्यापित हो जाती है तो फिर इसके बाद लोन देने वाली कंपनियां पात्रता का मूल्यांकन करती हैं। इसके लिए क्रेडिट स्कोर, मासिक आय और मौजूदा रोजगार स्थिति का आकलन करती हैं। लोन देने वाली कंपनियां आपके ऊपर कितना लोन है, इसकी भी जांच पड़ताल करती हैं। इससे उन्हें आपकी पूरी वित्तीय स्थिति और नए लोन को चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है।
अगर लोन देने वाली कंपनी आपको पात्र मान लेती है तो फिर आपको लोन का ऑफर मिलेगा। इसमें स्वीकृत लोन राशि, ब्याज दरें, टेन्योर और प्रोसेसिंग फीस समेत पूरी जानकारी दर्ज रहती है। इसके साथ ही आपको कुल कितना रिपेमेंट करना होता है, इसकी पूरी जानकारी शामिल रहती है। जब आप इन सब चीजों से सहमत हो जाते हैं तो आपके इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर के लिए एक डिजिटल लोन एग्रीमेंट तैयार किया जाता है।
जब लोन पास हो जाता है तो फिर इसके बाद इसका रीपेमेंट शुरू हो जाता है। इसके लिए बैंक हर महीने की किश्त फिक्स कर देती है। हर महीने किश्त (EMI) भरना होता है। कुछ कंपनियां बैंक अकाउंट से लिंक कर देती है। जिसमें हर महीने आपके बैंक अकाउंट से पैसे कट जाएंगे। ऐसे में किसी भी तरह के दंड से बचने के लिए यूजर्स को अपने अकाउंट में बैंक बैलेंस बनाकर रखना चाहिए।
ब्याज दर - पर्सनल लोन लेते समय ब्याज दर जरूर चेक करें। यह आपके क्रेडिट हिस्ट्री के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।
लोन की अवधि - ऐसी अवधि चुनें जिसमें किफ़ायती EMI के साथ-साथ कम से कम ब्याज देना पड़े।
छिपे हुए शुल्क- प्रोसेसिंग शुल्क, विलंब शुल्क या पूर्व भुगतान शुल्क से सावधान रहें।
रीपेमेंट - EMI को अपने मासिक खर्चों के साथ जोडकर चेक करें। इसके लिए पर्सनल लोन EMI कैलकुलेटर का उपयोग करें।