
Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार की ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहारा दिया है। लेकिन अब सरकार को लग रहा है कि इस योजना का फायदा कुछ लोग गलत तरीके से उठा रहे हैं। इसी वजह से नियमों में बदलाव किया गया है।
पत्रिका की एक रिपोर्ट के मताबिक, पहले सिर्फ महिला लाभार्थी की आय देखी जाती थी। लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि शादीशुदा महिलाओं के लिए पति की और अविवाहित महिलाओं के लिए पिता की ई-केवाईसी (Ladki Bahin Yojana e-KYC) अनिवार्य होगी। अगर महिला और उसके पति या पिता की कुल सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उन्हें योजना से हटा दिया जाएगा।
सरकार का कहना है कि कई महिलाएं घरेलू काम करती हैं या छोटी-मोटी नौकरी में हैं, जिससे उनकी आय कम दिखती है। लेकिन उनके पति या पिता की आमदनी ज्यादा है। ऐसे मामलों में योजना का फायदा असली जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा था।
सरकार ने साफ कर दिया है कि ई-केवाईसी कोई कागजी औपचारिकता नहीं है। इसका मकसद है ये देखना कि वाकई में कौन इस योजना का हकदार है और कौन नहीं। पहले सिर्फ महिला के नाम पर पैसा चला जाता था, लेकिन कई बार देखा गया कि असली जरूरतमंदों की जगह फर्जी नामों को फायदा मिल रहा था। अब जब पति या पिता की जानकारी भी मांगी जा रही है, तो परिवार की कुल आमदनी का सही हिसाब लगाना आसान हो जाएगा।
इसके अलावा, अब हर महिला को हर साल अपने दस्तावेज अपडेट करने होंगे, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि मदद सही खाते में पहुंचे और कोई गलत फायदा न उठा सके।
जिन महिलाओं की e-KYC पूरी हो जाती है और जो योजना की शर्तों पर खरी उतरती हैं, उन्हें हर महीने ₹1,500 की सीधी मदद उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इससे घर का खर्च थोड़ा आसान होता है, और महिलाओं को अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।