Mutual Funds vs RD: म्यूचुअल फंड या आरडी? आपकी जेब के लिए क्या है सबसे बेहतर, जानिए विस्तार से

म्यूचुअल फंड्स और रिकरिंग डिपॉज़िट दो प्रमुख निवेश विकल्प हैं। म्यूचुअल फंड्स में विशेषज्ञ प्रबंधन और विविधता होती है, जबकि RD नियमित बचत और फिक्स्ड ब्याज दर प्रदान करता है। दोनों विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं।

Manali Rastogi
अपडेटेड16 Oct 2025, 06:45 PM IST
Mutual Funds vs RD: म्यूचुअल फंड या आरडी? आपकी जेब के लिए क्या है सबसे बेहतर, जानिए विस्तार से
Mutual Funds vs RD: म्यूचुअल फंड या आरडी? आपकी जेब के लिए क्या है सबसे बेहतर, जानिए विस्तार से

फंड इकट्ठा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) और रिकरिंग डिपॉज़िट (Recurring Deposit) दो बहुत लोकप्रिय निवेश विकल्प हैं। दोनों के अपने फायदे और विशेषताएं हैं। आइए इन्हें आसान और समझने योग्य हिंदी में विस्तार से जानें।

म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा निवेश साधन है जिसमें कई निवेशकों का पैसा मिलाकर एक बड़ा फंड बनाया जाता है। इस फंड का प्रबंधन अनुभवी फंड मैनेजर करते हैं, जो यह तय करते हैं कि पैसा कहां और कैसे निवेश किया जाए जैसे शेयर, बॉन्ड, या अन्य सिक्योरिटीज़ में। हर निवेशक को फंड में उनके निवेश के अनुसार यूनिट्स मिलती हैं, जो फंड की कुल संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी को दर्शाती हैं।

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म्यूचुअल फंड्स की प्रमुख विशेषताएं

  • विविधता (Diversification): म्यूचुअल फंड्स अलग-अलग कंपनियों और सेक्टर्स में निवेश करते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है। अगर एक निवेश नुकसान में जाता है, तो दूसरा उसे संतुलित कर सकता है।
  • प्रोफेशनल मैनेजमेंट: फंड का पैसा अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा संभाला जाता है, जो मार्केट रिसर्च और विश्लेषण के आधार पर निवेश निर्णय लेते हैं।
  • लिक्विडिटी (Liquidity): निवेशक किसी भी कारोबारी दिन पर अपने यूनिट्स बेच या रिडीम कर सकते हैं। इससे जरूरत पड़ने पर पैसा निकालना आसान हो जाता है।
  • कम राशि से निवेश (Affordability): म्यूचुअल फंड्स में आप बहुत कम राशि से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक SIP (Systematic Investment Plan) सिर्फ 500 रुपये या 1000 रुपये प्रति माह से शुरू की जा सकती है।
  • पारदर्शिता (Transparency): फंड हाउस नियमित रूप से अपने निवेशों, प्रदर्शन और खर्चों की जानकारी देते हैं ताकि निवेशक समझदारी से निर्णय ले सकें।

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रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) क्या होता है?

रिकरिंग डिपॉज़िट एक नियमित बचत योजना है जो बैंक और NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) द्वारा दी जाती है। इसमें आपको हर महीने एक तय राशि जमा करनी होती है। तय अवधि पूरी होने पर आपको आपका पूरा जमा पैसा और उस पर मिला ब्याज एक साथ वापस मिलता है।

रिकरिंग डिपॉज़िट की प्रमुख विशेषताएं

  • नियमित बचत (Regular Savings): RD आपको हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आदत डालती है, जिससे बचत की नियमितता बनी रहती है।
  • फिक्स्ड अवधि (Fixed Tenure): RD की अवधि आमतौर पर 6 महीने से 10 साल तक होती है। तय अवधि पूरी होने पर आपको मूलधन और ब्याज एक साथ मिलता है।
  • फिक्स्ड ब्याज दर (Fixed Interest Rate): RD पर ब्याज दर तय होती है और पूरी अवधि में वही रहती है। यानी बाज़ार में बदलाव होने पर भी आपकी कमाई प्रभावित नहीं होती।
  • कम जोखिम (Low Risk): RD सुरक्षित निवेश विकल्प है। बैंक में जमा रकम DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) द्वारा 5 लाख रुपये तक सुरक्षित रहती है।
  • फ्लेक्सिबल अमाउंट (Flexible Investment Amount): आप अपनी सुविधा के अनुसार हर महीने जमा करने की राशि चुन सकते हैं जैसे 500 रुपये, 1000 रुपये या अधिक।

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निवेश की अवधि में अंतर

म्यूचुअल फंड्स: इनकी अवधि बहुत लचीली होती है। आप कुछ महीनों से लेकर 10 साल या उससे ज्यादा समय तक निवेश कर सकते हैं। यह आपके वित्तीय लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है।

रिकरिंग डिपॉज़िट: RD की अवधि तय होती है (जैसे 1 साल)। अवधि पूरी होने के बाद यह अपने आप जारी नहीं रहती। अगर आप जारी रखना चाहते हैं तो नई RD शुरू करनी पड़ती है।

निवेश की आवृत्ति

  • RD: हर महीने एक तय राशि जमा करनी होती है। अगर कोई किश्त छूट जाती है, तो ब्याज पर असर पड़ सकता है।
  • म्यूचुअल फंड: इसमें निवेश की पूरी आज़ादी होती है। आप साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।

रिटर्न

RD: ब्याज दर पहले से तय होती है। आपको पता होता है कि अवधि पूरी होने पर कितना मिलेगा। उदाहरण: अगर बैंक ब्याज दर 7% है, तो आपका रिटर्न निश्चित होगा।

म्यूचुअल फंड: इसके रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं। अगर फंड अच्छा प्रदर्शन करता है, तो रिटर्न अधिक मिल सकता है, लेकिन नुकसान की संभावना भी रहती है।

मार्केट से जुड़ाव

RD: बाज़ार से जुड़ा नहीं होता। ब्याज दर तय होती है और रिटर्न पर बाजार में उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता। इसलिए यह सुरक्षित निवेश है।

म्यूचुअल फंड: यह बाज़ार से जुड़ा होता है। रिटर्न फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, जिससे लाभ भी अधिक हो सकता है और जोखिम

दोनों निवेश विकल्प अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयोगी हैं।

  • अगर आप सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहते हैं, तो रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) बेहतर है।
  • अगर आप उच्च रिटर्न और लचीलापन चाहते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को झेल सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड (SIP) सही विकल्प है।

निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता, और निवेश अवधि का आकलन करें। सही निर्णय के लिए किसी वित्तीय सलाहकार की राय लेना हमेशा लाभदायक होता है।

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