
Income Tax Saving: भारत एक कृषि प्रधान देश हैं। आज भी किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। वहीं देश में फार्महाउस कल्चर चीते की रफ्तार से पांव पसार रहा है। बड़े शहरों के अमीरों का फार्म हाउस के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा है। यह फॉर्म हाउस अब अमीरों के लिए टैक्स बचाने के लिए एक बहुत बड़ा हथियार बनता जा रहा है। हाल ही में, एक AI स्टार्टअप की संस्थापक और चार्टर्ड अकाउंटेंट मीनल गोयल ने इस रणनीति का अपने LinkedIn प्रोफाइल पर विस्तार से समझाया है।
मीनल ने पोस्ट पर लिखा कि अगर आप सोचते हैं कि फार्महाउस सिर्फ वीकली पार्टियों के लिए है, तो इस पर दोबारा सोचने की जरूरत है। गोयल ने बताया कि किस तरह से अमीर लोग भारत के इनकम टैक्स प्रॉविजन का फायदा उठाते हुए, अपनी टैक्स देनदारियों को कम करने के लिए फार्महाउसों और एग्रीकल्चर लैंड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मीनल गोयल का कहना है कि एग्रीकल्चर इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके लिए फसलों से हुई इनकम दिखाने पर टैक्स बच जाता है। इसके अलावा ज्यादातर कृषि उपज पर सिर्फ 0-5% जीएसटी लगता है। वहीं, धारा 54B के तहत कैपिटल गेन में छूट का दावा करने के लिए लैंड बेचें और वापस से एग्रीकल्चर लैंड में निवेश कर दें। कई राज्यों में कृषि भूमि पर अक्सर कम शुल्क लगता है। भारत के अमीर लोग इन नियमों का निजी फायदे में इस्तेमाल करने में माहिर हैं।
गोयल ने चेतावनी दी कि ये तो बस शुरुआत है। उन्होंने कहा कि अमीर लोग इन नियमों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए बहुत अच्छे से करते हैं। वे इन प्रावधानों का पूरी तरह से फायदा उठाना चाहते हैं। मीनल गोयल ने एक YouTube वीडियो में कहा, 'एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई का 35% (Income Tax + Education Cess) तक हर साल टैक्स के रूप में सरकार को देता है।
वहीं अमीर लोग, जो करोड़ों रुपये कमाते हैं, एक भी रुपया टैक्स नहीं देते।' उन्होंने बताया कि भारत में खेती से होने वाली आय पर टैक्स नहीं लगता। यह बात अमीर लोगों को अच्छे से पता है और वे इसका फायदा उठाते हैं। यही वजह है कि कई अमीर लोग नोएडा, गुड़गांव और हैदराबाद जैसी जगहों पर फार्महाउस खरीदते हैं।