ULIP vs Mutual Fund: यूलिप और म्यूचुअल फंड में कहां होगी मोटी कमाई? यहां समझिए पूरी गणित

ULIP vs Mutual Fund: यूलिप और म्यूचुअल फंड दोनों लॉन्ग टर्म के निवेश के लिए बनाए गए हैं। लेकिन इन दोनों का मकसद अलग-अलग वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है। यूलिप में कई तरह के चार्ज होते हैं। वहीं, म्‍यूचुअल फंडों में एक्‍सपेंस रेशियो होता है। यह अधिकतम 2.5 फीसदी हो सकता है।

Jitendra Singh
अपडेटेड16 Oct 2025, 09:31 PM IST
ULIP vs Mutual Fund: यूलिप में पॉलिसी एडमिनिस्‍ट्रेशन चार्ज, प्रीमियम एलोकेशन, मॉर्टेलिटी चार्ज और फंड मैनेजमेंट चार्ज शामिल हैं।
ULIP vs Mutual Fund: यूलिप में पॉलिसी एडमिनिस्‍ट्रेशन चार्ज, प्रीमियम एलोकेशन, मॉर्टेलिटी चार्ज और फंड मैनेजमेंट चार्ज शामिल हैं। (Livemint)

ULIP vs Mutual Fund: अगर आप यूलिप और म्यूचुअल फंड्स को एक ही समझ रहे हैं तो यह आपकी भूल है। बहुत से लोग निवेश के मौके पर दोनों को एक ही समझ बैठते हैं। ऐसे में अगर आप इन दोनों के बारे में अंतर जानना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। दरअसल यूनिट लिंक्ड इंश्‍योरेंस प्‍लान यानी यूलिप और म्यूचुअल फंड कई मायनों में अलग होते हैं। यहां हम इन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतरों के बारे में बता रहे हैं।

जानिए यूलिप किसे कहते हैं

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (Unit Linked Insurance Plan - ULIP) ऐसी स्कीम्स को कहते हैं, जिनमें इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दोनों को एक साथ जोड़ा गया है। कहने का मतलब ये हुआ कि जब आप ULIP में निवेश करते हैं तो उसका एक हिस्सा जीवन बीमा कवरेज के लिए जाता है और बाकी हिस्सा मार्केट से जुड़े इक्विटी या डेट फंड्स में निवेश किया जाता है। यानी इसमें कोई अपनी पूंजी को बढ़ाने के लिए पैसा लगाता है। यूलिप के लिए आप जो प्रीमियम देते हैं, उस पर सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स डिडक्‍शन का फायदा मिलता है।

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म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

वहीं म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में पूरी तरह से निवेश पर फोकस किया जाता है। इनके साथ बीमा नहीं शामिल होता है। आपको बीमा कवरेज की जरूरत हो तो अलग से टर्म इंश्योरेंस ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स के मैनेजर स्कीम की कैटेगरी के हिसाब से आपके पैसों को अलग-अलग सेक्टर या सेगमेंट के शेयर्स, बॉन्ड्स या दूसरे एसेट्स में लगाते हैं, जिनसे लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद की जाती है। म्‍यूचुअल फंड की सिर्फ ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स स्‍कीमों) स्‍कीमों में सेक्‍शन 80C के तहत टैक्‍स छूट मिलती है।

यूलिप और म्यूचुअल फंड में अंतर

यूलिप में कई तरह के चार्ज होते हैं। इनमें पॉलिसी एडमिनिस्‍ट्रेशन चार्ज, प्रीमियम एलोकेशन, मॉर्टेलिटी चार्ज और फंड मैनेजमेंट चार्ज शामिल रहता है। वहीं, म्‍यूचुअल फंडों में एक्‍सपेंस रेशियो होता है। यह अधिकतम 2.5 फीसदी हो सकता है। यूलिप में आमतौर पर 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। जबकि ओपन एंडेड म्‍यूचुअल फंड स्‍कीमें पूरी तरह लिक्विड होती हैं। इनमें से कभी भी पैसा निकाला जा सकता है।

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ईएलएसएस फंडों में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। यूलिप में एक फंड से दूसरे में बिना किसी टैक्‍स के स्विच करने की इजाजत रहती है। जबकि म्‍यूचुअल फंडों में स्‍कीमों के बीच स्विच करने के दौरान टैक्‍स लगता है। अब आपको अपनी वित्तीय जरूरतों के मुताबिक यूलिप या म्यूचुअल फंड्स में कहां निवेश करना है, ये खुद तय कर सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ जानकारी के मकसद से लिखा गया है। किसी स्कीम में निवेश करने या नहीं करने की सलाह देना नहीं। अधिक जानकारी के लिए अपने एक्सपर्ट्स से जरूर सलाह लें।)

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