Unclaimed Amount in Bank: कहा जा रहा है कि बैंकों में लावारिस रूप से करोड़ों रुपये पड़े हुए हैं। इन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने इस मामले में कठोर कदम उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में बैंकों में लावारिस पड़े रुपयों की सुध ली है। उन्होंने सभी नियमकों को निर्देश दिए हैं कि बैंकों में पड़े रुपयों को लौटाया जाए। इसके लिए कार्यक्रम चलाया जाए। फिर लोगों को पहचान की जाए और उनके पैसे वापस किए जाएं।
बता दें कि अगर आपने कभी किसी बैंक में पैसे जमा किए और सालों तक खाते में कोई लेनदेन नहीं किया, तो आपके पैसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposits) यानी लावारिस जमा माने जा सकते हैं। भारत में बैंकों के पास 78,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनक्लेम्ड राशि पड़ी हुई है। अब सरकार इस रकम को वापस करने की प्रक्रिया को आसान बना रही है। आइए, समझते हैं कि अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposit In Banks) क्या होते हैं और मौजूदा नियमों के तहत आप अपने पैसे वापस कैसे वापस पा सकते हैं ?
अगर किसी बैंक अकाउंट में लगातार 10 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता यानी न तो पैसा जमा किया जाता है और न निकाला जाता है। तब ऐसी स्थिति में उस अकाउंट में पड़ी राशि को अनक्लेम्ड डिपॉजिट मान लिया जाता है। यह नियम सेविंग बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, करेंट अकाउंट, रिकरिंग डिपॉजिट आदि सभी तरह के बैंक डिपॉजिट पर लागू होता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नियामकों और विभागों से जिला स्तर पर विशेष शिविर लगाकर दावा न किए गए धन को उसके सही मालिकों को लौटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। यह अभियान आरबीआई, सेबी, एमसीए, पीएफआरडीए और आईआरडीए के साथ-साथ बैंकों, पेंशन एजेंसियों, बीमा कंपनियों के साथ तालमेल में चलाया जाना है। दावा न किए गए धन में बैंकों में जमा राशि के साथ ही दावा न किए गए शेयर और लाभांश और दावा न किए गए बीमा एवं पेंशन कोष भी शामिल हैं।
बैंक इन अनक्लेम्ड डिपॉजिट को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में ट्रांसफर कर देता है। यह फंड साल 2014 में बना था। इसमें बैंकों से आई अनक्लेम्ड राशियां जमा होती हैं। अगर आपके फिक्स्ड डिपॉजिट का पैसा 10 साल तक अनक्लेम्ड रहा, तो बैंक उसे ब्याज जोड़कर DEA फंड में जमा करेगा।
आरबीआई की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 के अंत तक बैंकों में दावा न की गई जमा राशि 26 फीसदी बढ़कर 78,213 करोड़ रुपये हो गई थी। एफएसडीसी ने वृहद वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर चर्चा की। परिषद ने घरेलू और वैश्विक वृहद वित्तीय स्थिति से उभरते रुझानों पर विचार-विमर्श किया और सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया। एफएसडीसी ने पिछले निर्णयों और बजट घोषणाओं को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की थी।
मार्च 2024 में, सरकार ने UDGAM (Unclaimed Deposits – Gateway to Access Information) नाम का पोर्टल लॉन्च किया था। यह एक ऑनलाइन पोर्टल है, जहां कोई भी व्यक्ति अपने पुराने और अनक्लेम्ड बैंक अकाउंट सर्च कर सकता है। इस पोर्टल के जरिए आप अलग-अलग बैंकों में पड़े अपने अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस पोर्टल से देश के 30 बड़े बैंक जुड़े हैं, जिसमें SBI, HDFC, ICICI, PNB जैसे बैंक शामिल हैं। आप सिर्फ आधार नंबर, पैन नंबर या नाम से सर्च करके पता लगा सकते हैं कि आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य के नाम कोई लावारिस खाता तो नहीं है।