शेयर मार्केट में अस्थिरता के बीच Mutual Funds या ETFs में किसमें लगाएं पैसा? क्या है बेहतर निवेश विकल्प?

Investment Tips: शेयर बाजार में अनिश्चितता के बीच निवेशक दूसरे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड और ईटीएफ में कौन सा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन अच्छा है।

Shivam Shukla
अपडेटेड25 Apr 2025, 07:02 PM IST
Investment Tips: म्यूचुअल फंड और ईटीएफ में कौन बेहतर (सांकेतिक तस्वीर)
Investment Tips: म्यूचुअल फंड और ईटीएफ में कौन बेहतर (सांकेतिक तस्वीर)(Mint)

दुनिया भर में ट्रेड को लेकर अनिश्चितता, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और आरबीआई की पॉलिसी में बदलाव की वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। इस वजह से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में निवेशक अपने फंड के लिए दूसरे और कम जोखिम वाले निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं। आज हम दो फेमस इन्वेस्टमेंट ऑप्शन म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) का आकलन करते हैं। दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। ऐसे में विकल्प का चुनाव आपकी जोखिम क्षमता, इन्वेस्टमेंट गोल्स, और फ्लेक्सिब्लिटी की इच्छा के ऊपर निर्भर करेगी।

इक्विटी म्यूचुअल फंड इंफ्लो में गिराव

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया के हालिया डेटा के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड में इनफ्लो मार्च महीने में मासिक दर पर 14.4% गिरकर 25,082.01 करोड़ रुपये हो गया।फरवरी महीने में यह आंकड़ा 29,303.34 करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा बीते 11 महीनों में इक्विटी म्यूचुअल फंड में सबसे कम इनफ्लो को दर्शाता है। वहीं, सेंसेक्स ने 5.76% और निफ्टी ने 6.3% की बढ़ोतरी दर्ज की थी।

दोनों बेहतर निवेश विकल्प

वहीं, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF को एक अट्रैक्टिव इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के तौर पर उभर रहा है और बीते कुछ सालों में इसमें निवेशकों की रुचि काफी बढ़ी है। यह लॉन्ग टर्म में निवेशकों को अच्छी वेल्थ तैयार करने में सक्षम है। हालांकि म्यूचुअल फंड भी एक एक बेहतरीन निवेश विकल्प है, जो निवेशकों को लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दे सकता है।

अलग-अलग तरीकों से करते हैं काम

लेकिन दोनों इन्वेस्टमेंट ऑप्शन अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। एक्सचेंज ट्रेडड फंड (ETF) को एक्सचेंज की पूरे दिन की लाइव कीमतों पर बाय या सेल किया जा सकता है। दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड की कीमत दिन में केवल एक बार निर्धारित किया जाता है और इसकी कैलकुलेशन ट्रेडिंग डे के आखिरी में नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर बेस्ड होती है।

जानें कौन सा पोर्टफोलियो मैनेज करना आसान?

बता दें कि इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाने के लिए सबसे आसाना तरीका म्यूचुअल फंड है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपको खरीदने और बेचने के लिए आपको सही प्राइस का चिंता नहीं होती है। नेट एसेट वैल्यू हर रोज शाम को अपने आप एडस्ट और अपडेट हो जाता है।

वहीं, ईटीएफ को खरीदने के लिए सबसे पहले आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। इसके बाद आपको सेटअप और ऑर्डर प्लेस करना होगा। फिर बेचते वक्त भी समान प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। ऐसे में ईटीएफ पोर्टफोलियो मैनेज करने के मुकाबले म्यूचुअल पोर्टफोलियो मैनेज करना आसान है।

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