केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को जनवरी 2025 में मंजूरी दे चुकी है। लेकिन अभी तक आयोग के गठन और कमेटी के सदस्यों के नाम से पर्दा नहीं उठा है। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार मौजूदा महीने के आखिरी सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में आयोग का गठन कर सकती है। अगर मोदी सरकार 8वें वेतन आयोग का जल्द से जल्द से नहीं गठन करती है तो इसे लागू करने में भी विलंब होगा। आठवां वेतन आयोग लागू होने से 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को सीधा फायदा होगा।
दरअसल, 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 को लागू किया गया था और यह 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इसे मनमोहन सिंह की सरकार ने मंजूरी दी थी। 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन में शानदार उछाल दर्ज किया गया। ऐसे में इस बार भी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अच्छी-खासी बढ़ोतरी का इंतजार है।
बता दें कि आमतौर पर प्रत्येक दस साल के बाद सरकार नए वेतन आयोग का गठन कर अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों की समीझा करती है। ऐसा इस लिए किया जाता है कि कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स के पेंशन को उस स्तर पर लाया जा सके, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो जाए।
बता दें कि वेतन आयोग समीझा कर फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करता है, इसे के आधार पर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में बढ़ोतरी होती है। 7वें वेतन आयोग के दौरान 2.57 फिटमेंट फैक्टर था। वहीं, 8वें वेतन आयोग के दौरान सरकार न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर 1.9 रखती है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 34,560 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि फिटमेंट 2.86 से ऊपर रखने की सिफारिश की जाती है, तो बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी।
मालूम हो कि मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों महंगाई भत्ता (DA) 55 प्रतिशत है। इसमें आखिरी बार मार्च 2025 में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, जो 1 जनवरी 2025 से लागू है। यह बढ़ोतरी बेहद कम थी। ऐसे में जुलाई 2025 में होने वाली बढ़ोतरी से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी उम्मीदें हैं। कहा जा रहा है कि इस बार सरकार 4 प्रतिशत का इजाफा कर सकती है, जिससे यह बढ़कर 59 फीसदी हो जाएगा। वहीं, इसे आठवें वेतन आयोग में मर्ज करने की बात कही जा रही है।