
Air India: एअर इंडिया के विमानों में हाल फिलहाल बड़ी गड़बडि़यों के सामने आने के बाद फेडरेशन आफ इंडियन पायलट्स (एफआइपी) ने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Minister of Civil Aviation) को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें संगठन ने सरकार से सभी 787 विमानों के उड़ान पर रोक लगाने की मांग की है। इसके साथ ही संगठन ने सभी विमानों की इलेक्ट्रिकल सिस्टम की गहन जांच की भी मांग की है। संगठन ने कहा है कि डीजीसीए के जरिए एअर इंडिया की विशेष आडिट कराई जाए। पायलट संघ ने 787 विमानों के सुरक्षित और सुचारू संचालन के लिए सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं।
10 अक्टूबर को लिखे पत्र में FIP के अध्यक्ष कैप्टन सी एस रंधावा ने एक हफ्ते के भीतर हुई दो बड़ी घटनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अमृतसर से बर्मिंघम जाने वाली फ्लाइट नंबर AI-117 और वियना से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट नंबर AI-154 में तकनीकी खराबी आई थी। उन्होंने कहा कि कुछ ही देर के लिए विमानों में इलेक्ट्रिक खराबी की घटनाओं से सर्विस क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, एयर इंडिया ने इस बात से इनकार किया है कि एआई 154 विमान में कोई इलेक्ट्रिकल खराबी थी।
पिछले हफ्ते (4 अक्टूबर 2025) अमृतसर से बर्मिंघम जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-117 में लैंडिंग के समय रैम एयर टर्बाइन (RAT) अचानक एक्टिव हो गया। यह घटना फ्लाइट के आखिरी चरण में हुई थी। हालांकि, चालक दल ने जांच में पाया कि सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक पैरामीटर सामान्य थे और विमान सुरक्षित रूप से बर्मिंघम एयरपोर्ट पर उतरा। इसके बाद विमान को जांच के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया।
ऑस्ट्रिया के वियना से नई दिल्ली आ रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-154 को संभावित तकनीकी खराबी के कारण दुबई में डायवर्ट करना पड़ा था। जांच के बाद विमान ने दुबई से सुबह 8:45 बजे (भारतीय समयानुसार) फिर से उड़ान भरी और सुरक्षित रूप से नई दिल्ली पहुंचा। इन दोनों घटनाओं में पायलट संघ के अनुसार ऑटोपायलट सिस्टम अचानक फेल हो गया, जिससे कई तकनीकी गड़बड़ियां सामने आईं। प्रभावित सिस्टम में ऑटोपायलट, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), फ्लाइट डायरेक्टर्स (FDs), और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम शामिल थे, जिसके कारण विमान में ऑटोलैंडिंग की क्षमता बाधित हो गई थी।
टाटा ग्रुप के मालिकाना हक वाली एअर इंडिया ने हालिया तकनीकी खराबियों के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। कंपनी ने कहा कि 4 अक्टूबर को AI-117 में RAT का खुलना 'अनकमांड' यानी बिना आदेश के हुआ था, और इसका विमान या यात्रियों के लिए कोई खतरा नहीं था। सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक सिस्टम सामान्य थे और विमान सुरक्षित रूप से बर्मिंघम एयरपोर्ट पर उतरा। इसके बाद विमान को जांच के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया और जांच पूरी होने के बाद 5 अक्टूबर को फिर से उड़ान भरी।
जानिए क्या है रैम एयर टर्बाइन
रैम एयर टर्बाइन, एक छोटा पंखे जैसा उपकरण होता है जो विमान की बाहरी सतह पर स्थित रहता है। यह केवल तब खुलता है जब मुख्य इंजन या बिजली प्रणाली फेल हो जाएं। यह हवा के दबाव से घूमता है और विमान के मूलभूत सिस्टम जैसे हाइड्रोलिक, नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम को कुछ समय तक बिजली उपलब्ध कराता है। आमतौर पर, इसका अपने आप खुल जाना बहुत दुर्लभ घटना माना जाता है।