जी20 शेरपा पद से इस्तीफा देकर क्या करेंगे? अमिताभ कांत ने पूरी बात बताई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार में अमिताभ कांत ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। अभी वो जी20 के शेरपा थे, लेकिन अब उन्होंने सरकारी क्षेत्र से विदाई लेने की घोषणा कर दी है।

भाषा
पब्लिश्ड16 Jun 2025, 02:16 PM IST
अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से दिया इस्तीफा। (फाइल फोटो)
अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से दिया इस्तीफा। (फाइल फोटो)(Mint)

अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 45 वर्ष की अपनी सरकारी सेवा के दौरान कई कार्यभार संभाले। केरल कैडर के 1980 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी कांत को जुलाई 2022 में भारत का जी20 शेरपा नियुक्त किया गया था। भारत के जी20 की अध्यक्षता संभालने के कुछ महीने पहले उनकी नियुक्ति की गई थी।

कांत ने अपने नए सफर के बारे में लिंक्डइन पर विस्तार से बताया। उन्होंने लिखा, '45 साल की समर्पित सरकारी सेवा के बाद मैंने नए अवसरों को अपनाने तथा जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया है। मैं जी20 शेरपा के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार करने और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने तथा भारत की वृद्धि, विकास एवं प्रगति में योगदान करने का अवसर देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री का बहुत आभारी हूं।'

भारत की जी-20 तैयारियों में अहम भूमिका निभाने वाले कांत ने कहा कि भारत के जी20 शेरपा के रूप में बहुपक्षीय वार्ता का नेतृत्व करना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रहा है। कांत ने कहा कि 2023 में भारत की जी20 की अध्यक्षता इस मंच के इतिहास की अब तक सबसे अधिक समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक अध्यक्षताओं में से एक रही।

उन्होंने कहा, 'हमने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद न्यू डेली लीडर्स डिक्लेरेशन पर सर्वसम्मति हासिल की। साथ ही डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, बहुपक्षीय वित्तीय सुधार, जलवायु वित्त और महिला नेतृत्व वाले विकास जैसी महत्वपूर्ण विकासात्मक प्राथमिकताओं पर विश्व का ध्यान पुनः केंद्रित करने में सफलता प्राप्त की।'

कांत ने 2016-2022 तक नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के तौर पर अपने कार्यकाल पर कहा कि उन्हें परिवर्तनकारी आकांक्षी जिला कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला, जिसने सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में सुधार करके और हमारे लाखों नागरिकों के लिए अवसर उत्पन्न करके भारत के 115 सबसे पिछड़े जिलों का उत्थान किया। उन्होंने कहा, 'उन छह से अधिक वर्ष के दौरान नीति आयोग ने नीति के माध्यम से डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत की डिजिटल क्रांति के लिए आधारभूत आधार तैयार करने में मदद की।'

कांत ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने और औद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं, हरित हाइड्रोजन मिशन, उन्नत रसायन सेल एवं अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से आयोग ने जलवायु कार्रवाई, अत्याधुनिक नवाचार तथा टिकाऊ उद्यम में भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव के रूप में उनका कार्यकाल सुधार एवं उदारीकरण को समर्पित रहा जिसमें व्यापार करने में आसानी और मेक इन इंडिया तथा स्टार्टअप इंडिया' पहल पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह भारत के विनिर्माण के संपन्न परिवेश के लिए एक रूपरेखा के तौर पर काम करना जारी रखे हैं। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग कहा जाता है।

कांत ने कहा कि वो केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर के उनके मार्गदर्शन एवं उन पर विश्वास दिखाने के लिए अत्यंत आभारी हैं। उन्होंने कहा, 'मैं अब मुक्त उद्यम, स्टार्टअप, शोध संस्थान और शैक्षणिक संस्थानों को समर्थन प्रदान करके विकसित भारत की दिशा में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।'

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