मौतें, चीख-पुकार और हाहाकार… दार्जलिंग में भारी बारिश ने ढाया कहर, जान-माल का भारी नुकसान

पूर्वी हिमालयी क्षेत्र दार्जिलिंग में मूसलाधार बारिश के कारण भीषण भूस्खलन होने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य लोग लापता हैं। भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 अवरुद्ध होने से सिक्किम, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।  

Naveen Kumar Pandey( विद इनपुट्स फ्रॉम एजेंसियां)
पब्लिश्ड5 Oct 2025, 06:00 PM IST
दार्जलिंग में भारी बारिश से हाहाकार
दार्जलिंग में भारी बारिश से हाहाकार (X)

Darjeeling landslide calamities: पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शनिवार को लगातार भारी बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए जिससे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हो गए। भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई दूरदराज के गांवों का संपर्क टूट गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की।

दार्जिलिंग में आसमानी आफत से कई मौतें

एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की साझे रिपोर्ट के अनुसार, सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है। सूत्रों ने बताया कि मिरिक में कम से कम नौ लोग और दार्जिलिंग पहाड़ियों के ऊपरी सुखियापोखरी में चार लोग मारे गए हैं। वहीं, उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को चिंताजनक बताया और रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या सत्रह बताई। गुहा ने कहा, 'जान का नुकसान दुखद है। हमारी रिपोर्ट के अनुसार, मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है। लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।'

दर्जिलिंग के प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी

दार्जिलिंग उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने पीटीआई को बताया कि पुलिस, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया टीम की मदद से बचाव और राहत अभियान जारी है। नागराकाटा के धार गांव में मलबे से कम से कम 40 लोगों को बचाया गया जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए।

भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य में भारी बाधा आई है। उन्होंने कहा, ‘यह इलाका फिसलन भरा है और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अभी भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।’

भारी बारिश से दार्जिलिंग में चौतरफा तबाही

लगातार बारिश के बाद विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पूरी तरह से बंद हो गया है तथा 29वें माइल में तिस्ता नदी उफान पर है जिससे पहाड़ियों को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाले राजमार्ग का उपरी हिस्सा बह गया है। मिरिक और धुड़िया के बीच लोहे का पुल ढहने से मिरिक और सिलीगुड़ी के बीच संपर्क टूट गया। लगातार बारिश से मैदानी इलाकों में जलपाईगुड़ी जिले के दोआर्स इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जहां जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

सोमवार तक भारी बारिश की चेतावनी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में 6 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही, मिट्टी की नाजुक स्थिति के कारण और अधिक भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध पैदा होने की चेतावनी दी है। एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है और सिलीगुड़ी को मिरिक-दार्जिलिंग मार्ग से जोड़ने वाला एक लोहे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे इस क्षेत्र तक पहुंच बाधित हो गई है। एनडीआरएफ ने यह भी कहा कि मिरिक का एक गांव वर्तमान में बाढ़ और सड़क अवरोधों के कारण जलमग्न है।

नदियां उफान पर, जान-माल पर बढ़ा खतरा

जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार की नदियां भी कई निचले स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बचाव अभियान निरंतर जारी है लेकिन लगातार हो रही बारिश से इसमें बाधा उत्पन्न हो रही है। स्थानीय अधिकारियों ने तीस्ता जैसी नदियों में बढ़ते जलस्तर के बारे में सूचना दी है। पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है क्योंकि क्षेत्र में और ज्यादा बारिश होने की संभावना है। दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने भारी बारिश से हुए व्यापक नुकसान पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'मौतें हुई हैं, संपत्ति का नुकसान हुआ है और आधारभूत ढांचे को को नुकसान पहुंचा है। मैं स्थिति का जायजा ले रहा हूं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं।'

सीएम ममता ने किया मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह 6 अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्थिति का आकलन करने के लिए सोमवार को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और फिलहाल राज्य सचिवालय नबान्न स्थित नियंत्रण कक्ष से घटनाक्रम पर नजर रख रही हैं। टीवी9 बांग्ला समाचार चैनल से फोन पर बात करते हुए बनर्जी ने स्थिति को गंभीर बताया।

प्रधानमंत्री मोदी बोले- दुख की घड़ी में सहायता को प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है और सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हताहत हुये लोगों के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है उनके प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश एवं भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

सोमवार को दार्जिलिंग जाएंगी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह सोमवार दोपहर मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ उत्तर बंगाल के लिए रवाना होंगी और सिलीगुड़ी से स्थिति पर नजर रखेंगी। बनर्जी के अनुसार, केवल 12 घंटों में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जिससे कम से कम सात जगहों पर भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुआ। उन्होंने इस स्थिति की तुलना पिछले महीने त्योहारों के मौसम में कोलकाता में आई भीषण बाढ़ से की। उन्होंने कहा, '12 घंटे से लगातार भारी बारिश हो रही है। सात जगहों पर भूस्खलन हुआ है। मैं कड़ी नजर रख रही हूं और उम्मीद है कि सोमवार दोपहर तीन बजे तक वहां पहुंच जाऊंगी।'

फंसे हुए लोगों से मुख्यमंत्री ने की धैर्य रखने की अपील

भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करेगी और पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और वहां से निकलने की जल्दबाजी न करें। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने उत्तर बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को जमीनी स्तर पर जाकर संकटग्रस्त लोगों की सहायता करने का निर्देश दिया है।

(भाषा एवं वार्ता की खबरों से इनपुट्स के साथ)

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