
Fake sign fraud: उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। केरल के एक शख्स ने सांसदों के नकली साइन के सहारे नामांकन दाखिल कर दिया। जांच में जब सच सामने आया तो हड़कंप मच गया।
जैकब जोसेफ नाम के इस शख्स ने दावा किया था कि उसे 22 लोकसभा सांसदों का समर्थन मिला है। लेकिन जब इन सांसदों से पूछताछ की गई तो पता चला कि उन्हें जैकब के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। कई सांसदों ने साफ कहा कि उन्होंने कभी उसके नामांकन पत्र पर साइन नहीं किए।
जैकब का नामांकन तब चर्चा में आया जब कागजों पर वाईएसआरसीपी सांसद मिधुन रेड्डी का नाम और साइन दिखे। जबकि मिधुन रेड्डी फिलहाल जेल में हैं। ऐसे में उनका नामांकन पर साइन करना नामुमकिन था। मामला तुरंत राज्यसभा सचिवालय तक पहुंचा और जैकब का नामांकन रद्द कर दिया गया।
फिलहाल इस मामले में अगला कदम क्या होगा, यह साफ नहीं है। लेकिन इतना जरूर है कि इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया की गंभीरता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त थी। इस बार कुल 46 प्रत्याशियों ने 68 नामांकन पत्र भरे थे। शुरुआती जांच में ही 28 नामांकन खारिज कर दिए गए। 22 अगस्त को हुई स्क्रूटनी में सिर्फ 2 प्रत्याशियों के नामांकन सही पाए गए। इनमें NDA की तरफ से सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम शामिल है। बाकी सभी को नियमों के मुताबिक बाहर कर दिया गया।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया था। अब चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग तय की है। इसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।