
अब तय हो गया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री रहते हुए जो कथित 'शीश महल' बनवाया था, उसका क्या होगा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तब विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अपने सरकारी आवास के जीर्णोद्धार के नाम पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया था। अब जब बीजेपी खुद सरकार में है तब भ्रष्टाचार के आरोपों के केंद्र में रहे उस बंगले को अब राज्य अतिथिगृह (Guest House) के रूप में बदलने की योजना बना रही है। इस गेस्ट हाउस में कैंटीन की सुविधा भी होगी।
एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सिविल लाइंस में फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित बंगला नंबर छह में शहर के अन्य राज्य भवनों की भांति जल्द ही एक कैंटीन खुलेगी और वहां पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सुविधा आम लोगों के लिए खुली रहेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, प्रस्ताव में इस बंगला परिसर में एक पार्किंग स्थल, प्रतीक्षागृह और अन्य सुविधाएं तैयार किया जाना शामिल है।
अधिकारी ने कह कि जिस तरह अन्य स्टेट गेस्ट हाउस में बैठकों और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के लिए अधिकारी एवं मंत्री पहुंचते हैं और ठहरते हैं तथा कमरों का किराया देते हैं, उसी तरह यहां भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना को अभी उच्च अधिकारियों से अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बंगले के रखरखाव के लिए लगभग 10 कर्मी पहले से ही मौजूद हैं। उनकी जिम्मेदारी रोजाना झाड़ू लगाना, सफाई करना और रेफ्रिजरेटर एवं एयर कंडीशनर जैसे बिजली के उपकरण चलाना है।
ध्यान रहे कि आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बंगले के जीर्णोद्धार पर भारी रकम खर्च की थी। आरोप है कि जीर्णोद्धार के लिए तय राशि से कई गुणा ज्यादा रकम खर्च की गई और इसके लिए अनैतिक रास्तों से कई बिल बनवाए गए। आरोपों के मुताबिक, केजरीवाल ने बंगले में महंगे पर्दे, दर्जनों एसी, हाईटेक बाथरूम के साथ-साथ चमक-दमक भरे ऐशोआराम की कई अन्य व्यवस्थाएं करवाईं। केजरीवाल ने ऐसा तब किया जब वो खुद को आम आदमी बताकर सत्ता में आए। उन्होंने आंदोलन के दिनों में उसी सरकारी आवास में एसियों की संख्या गिनाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित की खूब लानत-मलामत की थी।
दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ महीनों में इस बात को लेकर कई विकल्प पेश किए हैं कि इस आवास का क्या इस्तेमाल हो सकता है। यह बंगला केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने भव्य नवीनीकरण के लिए गहन जांच के दायरे में आया था। भाजपा ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए इस बंगले को 'शीश महल' बताया था और वादा किया था कि उसके मुख्यमंत्री वहां नहीं रहेंगे। इस बार बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार में आई तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 'शीश महल' को अपना सरकारी आवास नहीं बनाया। फिलहाल वो शालीमार बाग स्थित अपने निजी आवास में रह रही हैं।
दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने 2022 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी द्वारा इस बंगले के नवीनीकरण में बरती गई अनियमितताओं और लागत में वृद्धि के आरोपों की जांच शुरू की थी। वर्तमान में, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) दिल्ली विधानसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर मामले की जांच कर रही है। गुप्ता ने दिसंबर 2024 में सक्सेना से इस संबंध में शिकायत की थी।