एलपीजी सिलेंडर यूज करने वालों के लिए बड़ी खबर है। जैसे आप अपना मोबाइल नंबर एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कर लेते हैं, ठीक वैसे ही अब सरकार एलपीजी पोर्टेबिलिटी लाने की तैयारी में है। यानी अगर आपको अपने मौजूदा गैस डिस्ट्रीब्यूटर या कंपनी की सर्विस पसंद नहीं आ रही, तो आप उसे बदलकर किसी और कंपनी से गैस ले सकेंगे, वो भी बिना नया कनेक्शन लिए।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस पोर्टेबिलिटी योजना पर चर्चा की है। उन्होंने एनर्जी सेक्टर की सभी सरकारी कंपनियों के चेयरमैन और मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने बताया कि देश में आज 33 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन हैं, जो 2014 में सिर्फ 14 करोड़ थे। इसका सीधा मतलब है कि अब 100% से भी ज्यादा कवरेज हो चुकी है।
पुरी ने बताया कि ये बड़ा बदलाव प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की वजह से आया है। इस योजना के तहत अब तक 10.33 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन गरीब परिवारों को दिए जा चुके हैं। इससे शहरों के साथ-साथ गांवों में भी एलपीजी की पहुंच तेजी से बढ़ी है।
अब सरकार चाहती है कि ग्राहक को पूरा अधिकार हो कि वो चाहे तो किसी भी OMC (Oil Marketing Company) से अपनी सुविधा के मुताबिक एलपीजी ले सके। जैसे कोई इंडेन से HP पर या फिर भारत गैस से इंडेन पर जा सके। इससे कंपनियों की जवाबदेही भी बढ़ेगी और ग्राहक के पास बेहतर सेवा का विकल्प रहेगा।
गरीब और दूर-दराज इलाकों में गैस पहुंचाने के लिए सरकार ने 22,443 कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और गांव स्तर के उद्यमियों (VLEs) को भी इस काम में जोड़ा है। ये लोग अब तक 58 लाख से ज्यादा सिलेंडर उन इलाकों तक पहुंचा चुके हैं, जहां पहले यह सोचना भी मुश्किल था।
एलपीजी के साथ-साथ सरकार ग्रीन एनर्जी की ओर भी तेजी से कदम बढ़ा रही है। देशभर के 88,000 से ज्यादा पेट्रोल पंपों में से 79,000 पंपों पर अब सोलर पैनल लग चुके हैं, जिससे इनकी बिजली की जरूरत अब साफ ऊर्जा से पूरी हो रही है।
हरदीप पुरी ने ANI को बताया कि भारत अपनी तेल-गैस उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कई कोशिशें कर रहा है और अंडमान द्वीपसमूह में चल रही खुदाई से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने इसे भारत का ‘गुयाना मोमेंट’ बताया है, यानी ये खोज भारत की किस्मत बदल सकती है।
पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार एक साथ सुविधा, पर्यावरण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को लेकर काम कर रही है। एलपीजी पोर्टेबिलिटी और ग्रीन एनर्जी की ये दो बड़ी योजनाएं भारत की एनर्जी जरूरतों को पूरी करने के साथ-साथ लोगों के जीवन को आसान बना रही हैं।