जिस तरह पाकिस्तान की सीमा हैदर प्यार के चक्कर में सरहद पार कर भारत आई थी, अब वैसा ही एक मामला सामने आया है। फर्क बस इतना है कि इस बार कोई पाकिस्तानी नहीं, बल्कि एक भारतीय महिला सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गई है। 43 वर्षीय सुनीता ने बुधवार को कारगिल जिले के आखिरी गांव हुंदरमान से पैदल चलते हुए एलओसी पार की। जब इस घटना की जानकारी भारत की सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र को लगी, तो सभी हैरान और परेशान रह गए।
सुनीता अपने 15 साल के बेटे को साथ लेकर कारगिल पहुंची थीं, लेकिन एलओसी पार करने से पहले उन्होंने उसे हुंदरमान गांव में छोड़ दिया। जाते समय उन्होंने बेटे से कहा कि वह यहीं रुके और उसके लौटने का इंतजार करे। लेकिन जब वह वापस नहीं आईं, तो गांववालों को शक हुआ और उन्होंने लड़के को लद्दाख पुलिस के हवाले कर दिया।
सुनीता इससे पहले दो बार अटारी बॉर्डर पर पकड़ी जा चुकी थीं, लेकिन इस बार वह सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बच निकलीं। बताया जा रहा है कि वह एक पाकिस्तानी पादरी से मिलने की जिद में थीं, जिससे उनकी पहचान ऑनलाइन हुई थी। यह घटना सीमा पर भारी सुरक्षा तैनाती और भारत-पाक के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच एक बड़ी चूक मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी ग्रामीणों ने सुनीता को देखा और फिर वह पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लग गईं। अब वह पाकिस्तान की हिरासत में हैं और वहां की एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि एक भारतीय महिला आखिर क्यों और कैसे सीमा पार कर आई। फिलहाल भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनीता नागपुर के एक अस्पताल में बतौर नर्स काम कर चुकी हैं। जब इस मामले में परिवार से बात की गई, तो उनका कहना था कि सुनीता मानसिक रूप से अस्वस्थ है और नागपुर के रीजनल मेंटल हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था। उनके भाई ने बताया कि वह अक्सर वहम और भ्रम में उलझ जाती थीं। अब पुलिस उनके कॉल रिकॉर्ड और बातचीत की जांच कर रही है, ताकि यह साफ हो सके कि क्या वाकई किसी अंतरराष्ट्रीय संपर्क का मामला है या फिर यह सब उनकी मानसिक बीमारी का नतीजा है।