
India-Russia relation: भारत अब सिर्फ एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी राष्ट्र के तौर पर सामने आ रहा है। ट्रंप टैरिफ जैसे दबावों के बीच भारत ने जो रुख अपनाया है, वो न सिर्फ घरेलू नीति का हिस्सा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक संदेश बन चुका है कि भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। यही बात अब दुनिया भी मान रही है और भारत के दोस्त रूस ने तो खुलकर इसका समर्थन भी किया है।
गुरुवार को वाल्डई क्लब के मंच से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की तारीफों के पुल बांध दिए। उन्होंने बिना ट्रंप का नाम लिए कहा, भारत अपमान बर्दाश्त नहीं करता, और प्रधानमंत्री मोदी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जो देश के स्वाभिमान के खिलाफ हो। उन्होंने बिना ट्रंप का नाम लिए साफ कहा कि भारत किसी के दबाव में नहीं झुकेगा। ये बयान सिर्फ दोस्ती नहीं, भारत की नीति की पुष्टि है।
पुतिन ने जो कहा, वो वही बात है जो भारत का स्टैंड रहा है। अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, लेकिन भारत ने न झुकने का फैसला लिया। पीएम मोदी ने साफ कहा था, भारत किसानों और देश के हितों से समझौता नहीं करेगा, चाहे कीमत कुछ भी हो। यही वजह है कि भारत ने स्वदेशी को हथियार बनाया और आत्मनिर्भरता को नीति का हिस्सा।
पुतिन का बयान सिर्फ समर्थन नहीं, बल्कि भारत-रूस की गहरी दोस्ती का सबूत है। उन्होंने कहा, भारत के साथ कभी कोई तनाव नहीं रहा। चाहे टैरिफ हो या प्रतिबंध, दोनों देश साथ खड़े हैं। यही भरोसा है जो अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच भी कायम रहता है।
पुतिन ने कहा कि अगर भारत रूसी ऊर्जा खरीदना बंद कर दे, तो रूस को 9–10 अरब डॉलर का नुकसान होगा। उन्होंने भारत की जनता की समझदारी और नेतृत्व पर भरोसे की भी तारीफ की। साथ ही BRICS की स्थापना में भारत की भूमिका को भी सराहा।
पुतिन का बयान सिर्फ एक दोस्त की तारीफ नहीं, बल्कि दुनिया को भारत की सोच और ताकत का संदेश है। भारत अब न दबेगा, न झुकेगा और यही बात अब उसके दोस्त भी दुनिया को बता रहे हैं।