
अचानक उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र देकर जगदीप धनखड़ ने सबको हैरान किया और अब वो गुमशुम रहकर अटकलों का बाजार गर्म कर रहे हैं। विपक्ष लगातार पूछ रहा है कि आखिर धनखड़ हैं कहां? कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो एक कटाक्ष भरा बयान देते हुए गृह मंत्री अमित शाह से पूछा, 'मैंने 'लापता लेडीज' के बारे में सुना है, लेकिन 'लापता उपराष्ट्रपति' के बारे में कभी नहीं सुना। क्या हमें 'हैबियस कॉर्पस' दायर करना चाहिए?'
यह बयान दर्शाता है कि विपक्ष उनकी अचानक गैरमौजूदगी को लेकर कितना चिंतित और उत्सुक है। मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देना, और फिर सार्वजनिक जीवन से दूर हो जाना, इन सभी बातों ने राजनीतिक हलकों में रहस्य और अटकलों को जन्म दिया है।
लेकिन अब सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी इस कहानी को एक नया मोड़ दे रही है। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, जगदीप धनखड़ अपने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में ही रह रहे हैं और अपनी सेहत का पूरा ख्याल रख रहे हैं। वे नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं और अपने स्टाफ और शुभचिंतकों के साथ टेबल टेनिस खेलते हैं।
यह उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर रहा है। यह बात उनके अचानक लिए गए फैसले के पीछे दिए गए 'स्वास्थ्य कारणों' को पुख्ता करती है, भले ही विपक्ष इस पर संदेह जता रहा हो।
न्यूज एजेंसी भाषा ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘पिछले महीने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ अपने परिवार के साथ समय बिताने के साथ ही नियमित रूप से योगाभ्यास कर रहे हैं और टेबल टेनिस खेल रहे हैं। अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब उन्होंने शौकिया टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था।’
भाषा के मुताबिक, धनखड़ की दिनचर्या से वाकिफ लोगों ने बताया कि वह नियमित रूप से योग अभ्यास करते हैं और उपराष्ट्रपति एनक्लेव में अपने शुभचिंतकों और स्टाफ मेंबर्स के साथ टेबल टेनिस खेलते हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति की दिनचर्या से अवगत एक व्यक्ति ने बताया, 'यहां तक कि यात्रा से लौटने के बाद भी वह अपने स्टाफ के सदस्यों के साथ टेबल टेनिस खेलते थे।'
जगदीप धनखड़ भारत के इतिहास में तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया। उनसे पहले सिर्फ दो उपराष्ट्रपतियों, वीवी गिरि और आर. वेंकटरमन ने ही ऐसा किया था।
हालांकि, इन दोनों ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ा था, जबकि धनखड़ ने 'स्वास्थ्य कारणों' का हवाला दिया। उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया जब उनके कार्यकाल के दो साल बाकी थे, और यह संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन हुआ। इस अप्रत्याशित कदम ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों को 'स्वास्थ्य कारणों' से परे, किसी गहरी वजह की तलाश करने पर मजबूर कर दिया है।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद, चुनाव आयोग ने तुरंत नए उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर दी है। मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन वोटों की गिनती भी की जाएगी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है।
उधर, विपक्षी गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने नए चुनावी माहौल को जन्म दिया है, जहां दोनों प्रमुख गठबंधन अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। यह चुनाव सिर्फ एक पद के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक वर्चस्व की एक नई लड़ाई की शुरुआत है।