
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन चीन की राजधानी बीजिंग में सैन्य परेड में शामिल हुए। वे अपनी बेटी किम जु ऐ (Kim Ju Ae) के साथ बीजिंग पहुंचे। विदेश के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जु ऐ की यह पहली उपस्थिति है। विश्लेषकों का मानना है कि यह उत्तर कोरिया की सत्ता के भविष्य के लिए एक बड़ा संकेत है।
अब तक जु ऐ अपने पिता के साथ देश में ही कई महत्वपूर्ण सैन्य परीक्षणों और समारोहों में दिखाई देती रही हैं, लेकिन उनकी यह विदेश यात्रा उनके महत्व को और भी पुख्ता करती है। यह घटना दर्शाती है कि किम जोंग उन अपनी बेटी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाकर उत्तराधिकार की दिशा में एक बड़ा और सोचा-समझा कदम उठा रहे हैं।
दुनिया को किम जु ऐ के बारे में पहली बार 2022 में पता चला, जब वे अपने पिता के साथ एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) के परीक्षण में शामिल हुईं। हालांकि, उनकी मौजूदगी का खुलासा सबसे पहले अमेरिका के पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी डेनिस रोडमैन ने 2013 में ही कर दिया था। रोडमैन ने अपनी प्योंगयांग यात्रा के दौरान बताया था कि किम जोंग उन ने उन्हें अपनी पत्नी री सोल जू और एक बच्ची से मिलवाया था, जिसे उन्होंने अपनी बेटी बताया।
हालांकि, उत्तर कोरियाई सरकारी मीडिया ने कभी उनका नाम नहीं बताया है, लेकिन दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसी का मानना है कि वह किम जोंग उन और उनकी पत्नी की बेटी किम जु ऐ हैं। पिछले कुछ सालों में, उत्तर कोरियाई मीडिया उन्हें 'प्यारी बच्ची' (beloved child) या 'सम्मानित बच्ची' (esteemed child) कहकर संबोधित करता रहा है, जो उनके बढ़ते प्रभाव का संकेत है।
जु ऐ की सार्वजनिक उपस्थिति पर गौर करें तो उनका कद लगातार बढ़ता नजर आता है। हाल के समारोहों में उन्हें अक्सर अपनी शक्तिशाली बुआ किम यो जोंग और मां से भी आगे चलते देखा गया है। वह अपने पिता के साथ हाथ पकड़कर चलती हैं, उनसे धीमी आवाज में बात करती हैं और यहां तक कि कई मौकों पर किम जोंग उन उन्हें खुद से पहले गाड़ी में बैठने देते हैं।
इसके अलावा, जु ऐ का फैशन सेंस भी लोगों का ध्यान खींच रहा है। वह गूची के धूप के चश्मे और कार्टियर घड़ियों जैसे लग्जरी ब्रैंड्स में दिखाई देती हैं। कई बार उन्होंने अपने पिता के साथ मैचिंग लेदर जैकेट और डार्क ग्लासेस पहने हैं, जो दोनों के बीच एक गहरा जुड़ाव दिखाता है। इन सभी बातों से यह स्पष्ट होता है कि जु ऐ को भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।
प्योंगयांग में रूसी दूतावास के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बीजिंग की यह यात्रा जु ऐ की पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है। सियोल में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज के पूर्व अध्यक्ष यांग मू-जिन के अनुसार, यह घरेलू से अंतरराष्ट्रीय मंच की ओर बढ़ता महत्वपूर्ण कदम है। यांग इसे 'उत्तराधिकार की अंतिम सीढ़ी' मानते हैं।
सुदूर पूर्वी अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर लिम यूल-चुल के मुताबिक, यह कोई साधारण पारिवारिक यात्रा नहीं है, बल्कि 'उत्तराधिकारी के रूप में एक औपचारिक शुरुआत' है। उनका मानना है कि समाजवादी शक्तियों से वैधता हासिल करने के लिए अतीत में भी भावी उत्तराधिकारियों को चीन जैसी महत्वपूर्ण जगहों की यात्रा कराई गई है। उदाहरण के लिए, किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने 1983 में बीजिंग में चीन के तत्कालीन नेता के पिता शी झोंगशुन से मुलाकात की थी। जु ऐ की यह यात्रा उसी पैटर्न का हिस्सा मानी जा रही है।
दक्षिण कोरिया की नैशनल इंटेलिजेंस सर्विस (NIS) ने 2024 में पहली बार स्वीकार किया कि जु ऐ ही अगली उत्तराधिकारी हो सकती हैं। NIS के तत्कालीन प्रमुख चो ताए-योंग ने कहा था कि जु ऐ की सार्वजनिक उपस्थिति और उन्हें दिए जा रहे प्रोटोकॉल को देखते हुए वे वर्तमान में सबसे संभावित उत्तराधिकारी लगती हैं। यह एक चौंकाने वाली पुष्टि थी क्योंकि पहले दक्षिण कोरियाई सरकार मानती थी कि उत्तर कोरिया जैसे पुरुष-प्रधान समाज में किसी महिला का नेता बनना समय से पहले की बात है।
लेकिन सियोल के सेजोंग इंस्टीट्यूट के चेओंग सेओंग-चांग के अनुसार, जु ऐ की गतिविधियां कुछ और ही कहानी कहती हैं। सैन्य परेड में जु ऐ का सफेद घोड़ा किम जोंग उन के घोड़े के ठीक पीछे था, जो उनकी उत्तराधिकारी की भूमिका का प्रमाण है। इसके अलावा, उत्तर कोरिया ने दोनों की तस्वीरें छपे डाक टिकट भी जारी किए हैं और शीर्ष अधिकारियों को उनके सामने घुटने टेकते हुए देखा गया है, जो उनके विशेष दर्जे को प्रमाणित करता है।
(द इकॉनमिस्ट की खबर पर आधारित)