Ganpati Visarjan Rules: गणेश विसर्जन को लेकर जानिए क्या करें और क्या न करें, काम आएंगे ये टिप्स

गणेश चतुर्थी, भारत के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक, इस साल 27 अगस्त से शुरू हुई। यह उत्सव दस दिनों तक चलता है और 6 सितंबर को गणेश विसर्जन, जिसे अनंत चतुर्दशी भी कहा जाता है, के साथ समाप्त होता है।

Manali Rastogi
पब्लिश्ड3 Sep 2025, 03:02 PM IST
1/7

कई परिवारों के लिए विसर्जन श्रद्धा, उत्सव और आभार व्यक्त करने का समय होता है। कुछ लोग परिवार की परंपरा के अनुसार तीसरे, पाँचवें या सातवें दिन विसर्जन करते हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग अंतिम दिन यानी दसवें दिन ही करते हैं। यह अनुष्ठान भगवान गणेश के आशीर्वाद के लिए धन्यवाद प्रकट करने का तरीका है।

2/7

इस साल गणेश विसर्जन 6 सितंबर को है, जो अनंत चतुर्दशी के साथ पड़ रहा है। इस दिन चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर को सुबह 3:12 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को रात 1:41 बजे समाप्त होगी। दिन की शुरुआत परिवार के साथ गणेश आरती से करें और भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फल और फूल अर्पित करें। पूजा के बाद प्रतिमा को आदरपूर्वक अपने तरफ खींचकर उठाएं।

3/7

भगवान को अक्षत (कच्चा चावल) चढ़ाएं और समृद्धि के लिए उनकी हथेलियों पर थोड़ा दही लगाएँ। एक लाल कपड़े में नारियल, गुड़ और अनाज बांधें, इसे बप्पा के यात्रा भोजन के रूप में अर्पित करें।

4/7

जब प्रतिमा को जलाशय में ले जाएं तो अंतिम आरती करें और “गणपति बप्पा मोरया” का जयघोष करते हुए विसर्जन करें। अगर घर पर विसर्जन कर रहे हैं तो एक बड़े बर्तन में साफ पानी और गंगाजल भरकर प्रतिमा का विसर्जन करें।

5/7

मंत्रों का जाप करते हुए धीरे-धीरे प्रतिमा को जल में डुबाएं। अनुष्ठान पूरा होने के बाद उस जल को पीपल के पेड़ के नीचे या किसी गमले में डाल दें। सुरक्षा के लिए ध्यान रखें कि पटाखे खुले स्थान पर ही जलाएँ और बच्चों को उनसे दूर रखें। हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें तथा आग के पास सिंथेटिक कपड़े न पहनें।

6/7

विसर्जन के समय दो-तीन लोगों को जिम्मेदारी दें कि सबका ध्यान रखें और साथ में प्राथमिक उपचार (फर्स्ट-एड) का सामान और पानी रखें। प्रतिमा को बहुत गहरे पानी में न ले जाएं और अनजान लोगों को अपनी कीमती चीजें न दें।

7/7

पानी को गंदा करने से बचें, फूल और मालाएं जल में न डालें और ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रयोग करें। गणेश विसर्जन एक धार्मिक और सामाजिक उत्सव है, जो भक्ति, परिवारिक एकता और सुरक्षा का संदेश देता है।