Karwa Chauth Fast Rules: करवाचौथ व्रत रख रहीं महिलाएं इन बातों का रखें खास ख्याल, जानिए इनके बारे में

Karwa Chauth fast rules: करवा चौथ हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विवाहित महिलाएं बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाती हैं। यह एक पारंपरिक पर्व है, जिसमें महिलाएं सूर्योदय से लेकर चांद निकलने तक निर्जला व्रत रखती हैं, अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए।

Manali Rastogi
पब्लिश्ड7 Oct 2025, 06:12 PM IST
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करवा चौथ का यह व्रत हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।इस दिन महिलाओं के लिए कई नियम और परंपराएँ होती हैं, जिन्हें मानना बहुत जरूरी होता है ताकि व्रत पूर्ण रूप से सफल हो सके। अगर आप जानना चाहती हैं कि करवा चौथ के दिन कौन-कौन से व्रत नियम और टिप्स अपनाने चाहिए, तो नीचे दी गई बातें ध्यान से पढ़ें:

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जल्दी उठें: महिलाओं को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और खुद को शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद ही सर्गी खानी चाहिए।

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सर्गी: सर्गी इस व्रत का मुख्य हिस्सा है। हालांकि, कुछ महिलाएं सर्गी नहीं खातीं यह आपके परिवार की परंपराओं पर निर्भर करता है। आमतौर पर सास अपनी बहू को सर्गी देती हैं, जिसमें पौष्टिक और सात्विक भोजन शामिल होता है, जैसे सूखे मेवे, फल, परांठे आदि, ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे।

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शुभ रंग पहनें: इस दिन महिलाएं लाल, हरा, पीला, नारंगी, गुलाबी, पीच या मैरून जैसे शुभ और चमकीले रंगों के कपड़े पहनती हैं। ये रंग सौभाग्य और प्रेम के प्रतीक माने जाते हैं।

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मेहंदी लगाना: मेहंदी लगाना करवा चौथ की बहुत महत्वपूर्ण परंपरा है। यह सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक है। महिलाएं हाथों और पैरों पर मेहंदी रचाती हैं। माना जाता है कि मेहंदी जितनी गहरी रचती है, पति-पत्नी का प्यार उतना ही गहरा होता है।

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कथा सुनना: करवा चौथ व्रत चौथ माता को समर्पित होता है। इसलिए शाम के समय महिलाएं एकत्र होकर पूजा करती हैं और करवा चौथ व्रत कथा सुनती हैं। यह पूजा का बहुत आवश्यक हिस्सा है।

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सात्विक भोजन बनाना: इस दिन महिलाएं सात्विक भोजन बनाती हैं, जो पहले भगवान गणेश और फिर चौथ माता को भोग लगाया जाता है। आमतौर पर हलवा, पूरी, आलू की सब्जी, खीर आदि पकवान बनाए जाते हैं।

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सास को उपहार देना: इस शुभ दिन पर सास को उपहार देना और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है। कई जगहों पर यह परंपरा होती है कि सास को कपड़े, मिठाई या धन देकर उनका आशीर्वाद लिया जाए।

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सोलह श्रृंगार करें: विवाहित महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार करना बहुत शुभ माना जाता है। इनमें सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र आदि शामिल होते हैं। यह सुहाग का प्रतीक होता है, इसलिए इस दिन महिलाएं पूरे श्रृंगार में सजती-संवरती हैं।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। मिंट हिंदी इस जानकारी की सटीकता या पुष्टि का दावा नहीं करता। किसी भी उपाय या मान्यता को अपनाने से पहले किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।