26 और 27 अगस्त को पूरे भारत और विदेशों में गणेश चतुर्थी बड़े धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई गई।
यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता और समृद्धि के दाता के रूप में पूजा जाता है।
यह त्योहार 10 दिनों तक चलता है और इस साल इसका समापन 6 सितंबर को होगा, लेकिन कई राज्यों और समुदायों में विसर्जन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है।
कई भक्तों ने पारंपरिक पांचवें, सातवें या दसवें दिन का इंतजार करने के बजाय दूसरे दिन से ही गणपति विसर्जन करना शुरू कर दिया।
28 अगस्त को नोएडा में श्रद्धालु यमुना नदी के किनारे एकत्र हुए और दूसरे दिन से ही गणेश चतुर्थी के विसर्जन की शुरुआत की।
जयपुर में विशाल संख्या में भक्तों ने ‘शोभा यात्रा’ में भाग लिया, जो गणेश चतुर्थी के समापन का प्रतीक है।
मुंबई में विसर्जन समारोह बेहद शानदार रहे। गणपति की प्रतिमाओं के साथ फूलों की पंखुड़ियां बहती नज़र आईं।
मुंबई में एक स्वयंसेवक ने गुलाब की पंखुड़ियों और गेंदे की मालाओं के बीच कृत्रिम तालाब में गणपति की प्रतिमा विसर्जित की। यह दृश्य भक्ति और उत्सव का अद्भुत चित्र प्रस्तुत कर रहा था।
प्रयागराज में महिलाओं ने गंगा तट पर भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन जैसे पारंपरिक पूर्व-विसर्जन अनुष्ठानों में भाग लिया। गणेश चतुर्थी पर इन्हें भी गणपति के साथ पूजा जाता है।
मुंबई की महिलायें अपने साथ गणपति की प्रतिमाएं लेकर विसर्जन समारोह में शामिल हुईं। 28 अगस्त को उनका विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया गया।