पहलगाम में इस्लामी आतंकियों के नृशंस हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। भारत ने अभी तक सैन्य कार्रवाई की बात नहीं की है, लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि सिंधु जल संधि पर रोक को उनका देश अपने खिलाफ युद्ध का ऐलान मानता है। इस बीच भारत ने अपने अत्याधुनिक तकनीक से लैस राफेल विमानों के साथ युद्धाभ्यास किया और मिसाइल टेस्टिंग की। दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने भी मिसाइल टेस्ट करने का प्लान बनाया। इन परिस्थितियों में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) की 1993 की एक रिपोर्ट को याद करना काफी प्रासंगिक है।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्ष पहले पाकिस्तान की मिलिट्री लीडरशिप को लगता था कि भारत के साथ अब और सैन्य संघर्ष हुआ तो पाकिस्तान का तो जो भी हो, लेकिन पाकिस्तानी सेना नेस्तनाबूद हो जाएगी। 1993 की वह गुप्त सीआईए रिपोर्ट हाल ही में सार्वजनिक हुई है। हालांकि, सीआई को तब लगता था कि भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध छिड़ने का चांस सिर्फ 20% है। सीआई भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संतुलन, दोनों देशों के आर्थिक विकास और राजनीतिक माहौल के विस्तृत आकलन के बाद सीआईए इस नतीजे पर पहुंचा था। हालांकि, सीआईए ने यह भी माना कि अगर आंतकवाद की बेतहाशा घटनाएं हों तो दोनों देशों का एक-दूसरे से भरोसा उठेगा और फिर युद्ध छिड़ने की नौबत आ सकती है।
1990 के दशक में युद्ध की संभावनाएं नाम से सीआईए की यह रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया था कि भारत को पाकिस्तान से युद्ध करने में कोई रणनीतिक हित सधते नहीं मालूम होता है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान पहले के युद्ध भारत के हाथों हारकर संभवतः इस चिंता में है कि अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान मटियामेट हो जाएगा। तब भारत और पाकिस्तान परमाणु हथियारों के निर्माण के चरण में ही थे। पाकिस्तान को लगता था कि भारत पारंपरिक युद्ध में उससे बहुत आगे है। ऐसे में वो अगर परमाणु हथियार तैयार कर ले तो उसकी अपनी रक्षा क्षमता कई गुना मजबूत हो जाएगी। पाकिस्तान उस वक्त इस बात को लेकर सशंकित रहा करता था कि आतंकी घटनाओं के बीच चल रही छोटी मोटी झड़पें कहीं युद्ध में न बदल जाएं।
सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत अपनी मजबूत सैन्य शक्ति के दम पर पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा खड़ा करता है तो पाकिस्तान परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जिस तेजी से अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है, उससे पाकिस्तान इतना डरा हुआ है कि कहीं वो खुले तौर पर परमाणु हथियारों की तैनाती न कर दे। पाकिस्तान की यह गीदड़भभकी आज भी जारी है। वो आज भी दुनिया को याद दिलाता है कि उसके पास परमाणु हथियार है। हालांकि, वह यह भूल जाता है कि भारत परमाणु हथियारों के मामले में उससे कहीं आगे है।
सवाल है कि क्या पाकिस्तान 1993 के मुकाबले अभी भारत के खिलाफ ज्यादा ताकतवर हुआ है? सैन्य शक्ति, आर्थिक स्थिति, राजनीतिक स्थिरता, वैश्विक कूटनीति जैसे हरेक मोर्चे पर पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे निचले पायदान पर पहुंच चुका है। जब 1993 में ही पाकिस्तानी सेना के शीर्ष नेतृत्व के हाथ-पांव कांप रहे थे तो आज भारत के हमले की कल्पना से भी उसके होश फाख्ता हो गए होंगे, इसमें शायद ही कोई संदेह हो। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का आक्रामक बयान भी इसी बात की पुष्टि करता है। डर में जोर-जोर से चिल्लाने, धमिकयां देने की टैक्टिक्स पुरानी है।