बीमाधारक या कंपनी को, इंश्योरेंस सेक्टर में किसे फायदा पहुंचा रहा है एआई?

अब इंश्योरेंस क्लेम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से कंपनियां तेजी से और ज्यादा सटीकता के साथ क्लेम प्रोसेस कर रही हैं। ग्राहक सेवा भी पहले से काफी बेहतर हो गई है।

एएनआई
पब्लिश्ड23 Jun 2025, 11:50 AM IST
बीमाधारक या कंपनी को, इंश्योरेंस सेक्टर में किसे फायदा पहुंचा रहा है एआई?
बीमाधारक या कंपनी को, इंश्योरेंस सेक्टर में किसे फायदा पहुंचा रहा है एआई? (ANI)

अब इंश्योरेंस क्लेम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पॉलिसीबाजार की एक नई रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव ला रही है। कंपनियां अब पहले से कहीं ज्यादा तेज और सटीक तरीके से काम कर रही हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई की मदद से इंश्योरेंस क्लेम की सटीकता 14 गुना तक बेहतर हुई है, जिससे इस सेक्टर के काम करने के तरीके में बड़ा फर्क आया है।

इंश्योरेंस क्लेम के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार

इंश्योरेंस पॉलिसी का सबसे अहम हिस्सा होता है क्लेम प्रोसेस, और अब इसमें एआई की अहम भूमिका बन चुकी है। एआई की मदद से कंपनियां फर्जी क्लेम्स को पहले ही पहचानने लगी हैं। टर्म इंश्योरेंस प्लान्स में करीब 11% मामलों को एआई ने संभावित फ्रॉड के रूप में पहचाना, जबकि सेविंग्स प्लान्स में यह आंकड़ा 16% तक पहुंच गया।

एआई की शुरुआती पहचान से असली क्लेम्स जल्दी प्रोसेस हो रहे हैं और इससे कंपनियों पर ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 से अब तक अर्ली क्लेम्स फैक्टर में 14 गुना सुधार आया है।

फिलहाल, कुछ खास इंश्योरेंस कार्यों का करीब 45% हिस्सा अब एआई मैनेज कर रहा है, जिससे मैन्युअल काम कम हुआ है और गलतियां भी घटी हैं।

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कस्टमर सर्विस में भी एआई का प्रभाव

ग्राहक सेवा (कस्टमर सर्विस) में भी एआई ने बड़ा बदलाव लाया है। अब 30% से ज्यादा शुरुआती कस्टमर सवालों के जवाब चैटबॉट्स दे रहे हैं, जबकि एक साल पहले ये आंकड़ा सिर्फ 15% था।

ग्राहकों के सवालों को हल करने में लगने वाला समय, जिसे TAT (टर्नअराउंड टाइम) कहा जाता है, अब 15% तक कम हो गया है। इसके साथ ही, ग्राहक संतुष्टि स्कोर (CSAT) पिछले तिमाही में 94% से ऊपर पहुंच गया है।

पॉलिसी खरीदने की प्रक्रिया में भी एआई का असर

पॉलिसी खरीदने की प्रक्रिया में भी एआई का असर साफ दिखा है। पहले पॉलिसी जारी करने में करीब 4 घंटे लगते थे, लेकिन अब लगभग आधे ग्राहक सिर्फ 15 मिनट में अपनी पॉलिसी पा रहे हैं। इससे इंश्योरेंस खरीदने में देरी की सबसे बड़ी परेशानी काफी हद तक हल हुई है।

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जनरेटिव एआई चैटबॉट्स, जो अभी टेस्टिंग स्टेज में हैं, अब जटिल इंश्योरेंस शब्दों को आम भाषा में समझाने लगे हैं। इससे प्रोडक्ट डिस्कवरी फेज में 5-8% ज्यादा लोग इंश्योरेंस खरीदने का फैसला कर रहे हैं। एआई ग्राहक की शिकायतों को बेहतर ढंग से मैनेज करने में भी मदद कर रहा है। नए एआई टूल्स अब कस्टमर के टिकट को सही एजेंट तक 84% से ज्यादा सटीकता के साथ भेज पा रहे हैं।

कुल मिलाकर, रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई न सिर्फ इंश्योरेंस इंडस्ट्री को तेज बना रहा है, बल्कि ग्राहकों के लिए अनुभव को भी आसान, स्मार्ट और भरोसेमंद बना रहा है।

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