
Pandit Chhannulal Mishra Passes Away: भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार सुबह 89 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और बीएचयू के मेडिकल में उनका इलाज चल रहा था। पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से देश में शोक की लहर है।
छन्नूलाल मिश्र हिंदुस्तानी शास्त्रीय और अर्धशास्त्रीय संगीत के दिग्गज कलाकार थे। वे अपनी गायकी में इतने निपुण थे कि उन्हें साल 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने खयाल और पूर्वी ठुमरी शैली को नई बुलंदियों तक पहुंचाया। आज भी लोग उनके गायकी को सुनकर उसमें खो जाते हैं।
पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में हुआ था। उनको बचपन से ही गायकी का काफी शौक था। शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने किराना घराने के उस्ताद अब्दुल घानी खान से गाना सीखा। गायकी में महारथ हासिल करके कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए। उन्हें सुर सिंगार संसद, बॉम्बे का 'शिरोमणि पुरस्कार' जीता, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, बिहार संगीत शिरोमणि पुरस्कार और नौशाद अवॉर्ड जैसे सम्मानों से भी सम्मानित किया जा चुका था।
पंडित छन्नूलाल मिश्र प्रसिद्ध तबला वादक अनोखेलाल मिश्र के दामाद भी थे। उनकी पत्नी का नाम माणिक रानी मिश्र था। साल 2021 में जब कोरोना आया तो वो उनके परिवार को खा गया। साल 2021 उनके लिए काफी गमगीन साल रहा। उस साल उन्होंने पत्नी माणिक के साथ ही बेटी संगीता मिश्र को भी खो दिया था। परिवार को खोने के बाद वो भी काफी लंबे वक्त तक बीमार रहे। आज सुबह दशहरे के दिन उन्होंने अंतिम सांस ली।