
Congress Bidi Bihar Controversy: बिहार की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई, जब कांग्रेस की केरल इकाई ने जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट कर दी। पोस्ट में लिखा गया था कि बीड़ी और बिहार बी से शुरू होते हैं और अब इसे पाप नहीं माना जा सकता है। ये टिप्पणी बीड़ी पर जीएसटी दर घटाने के संदर्भ में थी, लेकिन इसकी भाषा ने पूरे बिहार को निशाने पर ले लिया। हालांकि कांग्रेस ने पोस्ट डिलीट कर दी थी,लेकिन तब तक ये राजनीतिक तूफान ला चुकी थी।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने इसे पूरे बिहार का अपमान बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, पहले हमारे पूज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रद्धेय मां का अपमान और अब पूरे बिहार का अपमान, यही कांग्रेस का असली चरित्र है, जो बार-बार देश के सामने उजागर हो रहा है।
नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सदस्य संजय कुमार झा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे विपक्षी दल द्वारा 'एक और बेहद शर्मनाक कृत्य' करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं आपको बता दूं कि बी का मतलब सिर्फ बीड़ी नहीं है, इसका मतलब बुद्धि भी है, जिसका आपके पास अभाव है। बी का मतलब बजट भी होता है, जो बिहार को विशेष सहायता मिलने पर आपको ईर्ष्या करता है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि कांग्रेस ने फिर से रेखा पार कर दी है"। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने फिर से सीमा लांघ दी है। पीएम नरेंद्र मोदी को गाली देने के बाद मां ने अब बिहार की तुलना बीड़ी से की! क्या तेजस्वी यादव इसका समर्थन करते हैं? रेवंत रेड्डी से लेकर डीएमके और कांग्रेस तक- बिहार के लिए उनकी नफरत स्पष्ट है।
एक अन्य भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी, बी फॉर 'बुडबक' और बी फॉर 'बालबुद्धि' को 1989 से बिहार में उनकी स्थिति के बारे में बताया गया है। यही वजह है कि कांग्रेस बिहार में सत्ता से बाहर है। आज उन्होंने पूरे बिहार को 'बीड़ी' कह दिया है। इसलिए 'बीड़ी' उन्हें जला देगी, उनका सफाया हो जाएगा। जीएसटी परिषद द्वारा बुधवार को मंजूर संशोधित दरों के तहत बीड़ी पर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाएगा। बीड़ी के रैपर पत्ते या तेंदू पर भी शुल्क 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की मौजूदा चार-दर संरचना से 5 और 18 प्रतिशत की सरल दो-स्लैब प्रणाली में बदलाव को मंजूरी दी, जबकि तंबाकू और सिगरेट जैसी चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष 40 प्रतिशत दर का प्रस्ताव रखा।