
फैटी लिवर डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर में ज्यादा मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। इसके दो मुख्य प्रकार होते हैं, जिनमें से एक है नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)। जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लिवर की बीमारियों से हर साल करीब 20 लाख लोगों की मौत होती है और यह दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों का लगभग 4 प्रतिशत यानी हर 25 में से 1 मौत के लिए जिम्मेदार है।
इसी कारण फैटी लिवर डिजीज के बारे में जानना बेहद जरूरी है। 8 सितंबर को गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट और लिवर विशेषज्ञ डॉ. सौरभ सेठी (AIIMS, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षित) ने इंस्टाग्राम पोस्ट में फैटी लिवर के 8 ऐसे चेतावनी संकेत बताए जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
डॉ. सेठी ने बताया, “फैटी लिवर अक्सर चुपचाप बढ़ता है, लेकिन शरीर कुछ संकेत जरूर भेजता है। लिवर विशेषज्ञ के तौर पर मैं आपको 8 ऐसे लाल झंडे बता रहा हूं जिन्हें समय रहते पहचानना ज़रूरी है।”
हमारा खानपान भी फैटी लिवर के खतरे को बढ़ाता है। 3 सितंबर को गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. विवियन असामोआ ने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि दिन में सिर्फ एक सोडा पीने से भी 30 साल की उम्र तक गंभीर फैटी लिवर डिज़ीज हो सकती है।
वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ 5 से 7 साल तक रोजाना सोडा पीने से लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है। यह स्थिति फैटी लिवर डिज़ीज़ (MASLD), लिवर में दाग (फाइब्रोसिस), सूजन और लंबे समय तक होने वाले नुकसान की वजह बन सकती है।
(डिस्क्लेमर: ये सलाह सामान्य जानकारी के लिए दी गई है। कोई फैसला लेने से पहले विशेषज्ञ से करें। मिंट हिंदी किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदारी नहीं है।)