
Teej Vrat Katha In Hindi: हरतालिका तीज उत्तर भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह खासकर महिलाओं, विशेषकर विवाहित महिलाओं को समर्पित है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और दांपत्य सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं।
साल में तीन प्रकार की तीज मनाई जाती है, जिन्हें हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है। इन तीनों में हरतालिका तीज को सबसे बड़ी और खास माना जाता है।
उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। साल 2025 में हरतालिका तीज 26 अगस्त, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है। इस दिन महिलाएं रेत से भगवान शिव और माता पार्वती की अस्थायी मूर्तियां बनाकर उनकी पूजा करती हैं और वैवाहिक सुख व संतान की कामना करती हैं। हरितालिका तीज के अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन वे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।
बहुत समय पहले हिमालय की पुत्री पार्वती जी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने का संकल्प किया। पार्वती जी ने कठोर तपस्या की और वर्षों तक कठिन व्रत और उपवास रखे। उनके इस निश्चय और तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
कथा के अनुसार, एक बार नारद जी ने हिमवान से कहा कि वे अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से करें। यह सुनकर पार्वती जी बहुत दुखी हो गईं, क्योंकि वे बचपन से ही शिव जी को अपने पति के रूप में चाहती थीं। तब पार्वती जी की सखी उन्हें जंगल में ले गईं और वहां उन्होंने घोर तपस्या आरंभ की। उन्होंने मिट्टी से शिवलिंग बनाया और पूरी श्रद्धा से उसकी पूजा की।
पार्वती जी के इस दृढ़ निश्चय और तपस्या से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने पार्वती जी को दर्शन दिए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह विधि-विधान से संपन्न हुआ। इसी कारण इस दिन का नाम “हरतालिका” पड़ा। “हर” का अर्थ है अपहरण करना और “तालिका” का अर्थ है सखी। क्योंकि पार्वती जी की सखियों ने उनका अपहरण करके उन्हें वन में ले जाकर तपस्या करने में सहायता की थी।
इस वर्ष हरितालिका तीज का पावन पर्व मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार इस दिन के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
प्रातःकालीन हरितालिका पूजा मुहूर्त: सुबह 05:56 बजे से 08:31 बजे तक
अवधि: 2 घंटे 35 मिनट
तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34 बजे
तृतीया तिथि समाप्त: 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे
हिंदू परंपरा में हरतालिका तीज का बहुत महत्व है। इस दिन विवाहित महिलाएं कड़ा व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। अविवाहित लड़कियां भी यह व्रत रखती हैं और मां गौरी से अच्छे जीवनसाथी की प्रार्थना करती हैं। हरियाली तीज और कजरी तीज के साथ हरतालिका तीज भी पूरे भारत में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाने वाली तीन प्रमुख तीज़ों में से एक है।
डिस्क्लेमर: ये सलाह सामान्य जानकारी के लिए दी गई है। मिंट हिंदी किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं है।