
Jaipur SMS Hospital Fire: जयपुर के बड़े अस्पताल सवाई मान सिंह (Sawai Man Singh - SMS) अस्पताल के ट्रामा सेंटर के आईसीयू वार्ड में भीषण आग लगने की खबर सामने आई है। इस हादसे में 6 मरीजों की मौत हो गई है। SMS अस्पताल ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने सोमवार तड़के इस बात की जानकारी दी है। धाकड़ ने बताया कि यह आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है और अचानक तेजी से फैल गई।
धाकड़ ने बताया कि जहां आग लगी है, वहां कुल 11 मरीज भर्ती थे। उन्होंने बताया कि ज्यादातर गंभीर मरीज कोमा में थे। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए धाकड़ ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो आईसीयू हैं। एक ट्रॉमा आईसीयू और दूसरा सेमी-आईसीयू। दोनों जदह कुल 24 मरीज भर्ती थे। ट्रॉमा आईसीयू में 11 और सेमी-आईसीयू में 13 मरीज थे। ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेजी से फैली, जिससे ज़हरीली गैसें निकलने लगीं।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आईसीयू मे भर्ती मरीज गंभीर होते हैं तो लगभग सभी कोमा में होते हैं। उनका सर्वाइवल रिफ्लेक्स भी कमज़ोर होता है। उनको लगातार सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है। बिजली से जलने के कारण वहां ज़हरीली गैसें निकल रही थीं, और हमें उन्हें उन्हें सपोर्ट सिस्टम के साथ शिफ्ट करना पड़ा। ऐसे में मरीजों की हालत और गंभीर हो गई। गंभीर मरीजों को नीचे वाली फ्लोर के आईसीयू में शिफ्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 6 लोगों ने दम तोड़ दिया. हादसे में जान गंवाने वालों के नाम भी सामने आ गए हैं-
1. पिंटू, सीकर
2. दिलीप, जयपुर
3. श्रीनाथ, भरतपुर
4. रुक्मणी, भरतपुर
5. खुरमा, भरतपुर
6. बहादुर, जयपुर
हादसे के बाद राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा समेत कई मंत्री और विधायक एसएमएस अस्पताल पहुंचे। आग लगने से पूरे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बन गया था। मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा, ‘शॉर्ट सर्किट के कारण आईसीयू में आग लगने की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री यहां आए हैं। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ लोगों की जान चली गई है। 24 में से अधिकांश को बचा लिया गया है। उनका पूरा इलाज हमारी प्राथमिकता है।’
जयपुर पुलिस आयुक्त बिजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि आग के कारणों की जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट FSL से आने के बाद ही स्पष्ट होगी।