
Karwa Chauth 2025: भारत में हर साल महिलाएं कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं करवा माता की पूजा करती हैं और वैवाहिक जीवन की खुशहाली और समृद्धि की कामना करती हैं।
वे अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला उपवास (बिना पानी पिए) रखती हैं। इस व्रत में चंद्रमा की खास भूमिका होती है, क्योंकि महिलाएं चांद के दर्शन करने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं।
इस व्रत के लिए कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन न करने पर व्रत टूट जाता है। इसलिए इन गलतियों से बचना जरूरी है।
1. अनाज या पानी का सेवन करना: करवा चौथ का व्रत सरगी खाने के बाद शुरू होता है। सरगी सूर्योदय से पहले खाई जाती है। इसके बाद व्रत चाँद निकलने तक चलता है। इस दौरान न तो पानी पिया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। अगर गलती से भी कोई महिला पानी या अनाज खा लेती है, तो व्रत अधूरा माना जाता है।
2. चांद निकलने से पहले व्रत तोड़ना: करवा चौथ का व्रत तभी पूरा माना जाता है जब महिला चांद को अर्घ्य देकर पूजा करती है। अगर किसी कारणवश चाँद निकलने से पहले व्रत तोड़ा जाता है, तो इसका फल नहीं मिलता।
3. तेजधार चीजों का इस्तेमाल करना: इस दिन कैंची, सुई, चाकू जैसी तेज़धार वस्तुओं का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्रत के शुभ फल कम हो जाते हैं।
4. दिन में सोना: व्रत के दिन दिन में सोना मना है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से व्रत का फल घट जाता है और इसका पूरा लाभ नहीं मिलता।
5. सुहाग के सामान का दान करना: करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं के लिए सुहाग का सामान दान करना बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि अपना सुहाग का सामान (जैसे बिंदी, चूड़ी, सिंदूर आदि) दान न करें। ऐसा करना अशुभ होता है और सौभाग्य कम कर देता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। मिंट हिंदी इस जानकारी की सटीकता या पुष्टि का दावा नहीं करता। किसी भी उपाय या मान्यता को अपनाने से पहले किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।)