Mahakumbh 2025 LIVE updates: महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के लिए पहुंचे। यह महाकुंभ का पहला ‘अमृत स्नान’ है।
जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में अनुष्ठान करने और स्नान करने आते हैं।
उन्होंने कहा, "जल हमारी सनातन संस्कृति का पर्याय है। जल में जीवन देने वाले गुण हैं। हमारे देवताओं का अस्तित्व जल से है- नारायण, ब्रह्मा आदि। आज पौष पूर्णिमा से हिंदू माह माघ शुरू हो रहा है। कई श्रद्धालु स्नान के अलावा अनुष्ठान के लिए भी यहां आए हैं। कई लोग यहां मानव जीवन के अर्थ और सार को जानने आए हैं।"
PTI के अनुसार, महाकुंभ 2025 में विभिन्न संप्रदायों के संतों के तेरह अखाड़े भाग ले रहे हैं।
पहला 'अमृत स्नान' कई मायनों में खास है। यह 'पौष पूर्णिमा' के अवसर पर संगम क्षेत्र में सोमवार को पहले प्रमुख 'स्नान' के एक दिन बाद हुआ।
प्रयागराज में मंगलवार को कोहरे की हल्की चादर छाई रही। सुबह 8.30 बजे तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कम तापमान के बावजूद लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए संगम पहुंचे।
महाकुंभ में आने वाले पर्यटक किसी भी सहायता के लिए कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं। पर्यटक पर्यटन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए समर्पित टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800111363 या 1363 पर संपर्क कर सकते हैं।
यह टोल-फ्री हेल्पलाइन हिंदी, अंग्रेजी और अन्य राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में सेवा प्रदान करेगी।
महाकुंभ मेला 2025 का पहला अमृत स्नान आज आयोजित किया गया।
13 जनवरी: पौष पूर्णिमा स्नान (प्रारंभिक दिन)
14 जनवरी: मकर संक्रांति स्नान (शाही स्नान/अमृत स्नान)
29 जनवरी: मौनी अमावस्या स्नान (शाही स्नान)
3 फरवरी: वसंत पंचमी स्नान (शाही स्नान)
12 फरवरी: माघी पूर्णिमा स्नान
26 फरवरी: महाशिवरात्रि स्नान (समापन दिवस)
महाकुंभ मेला 2025 में बड़ी संख्या में नागा साधु या नागा बाबा भी भाग लेते हैं, जो अपनी राख से ढकी नग्न देह और लंबे जटाजूट के लिए पहचाने जाते हैं।
नागा साधु खुद को धर्म के रक्षक मानते हैं। संगम तट पर उनके आगमन का दृश्य एक अद्भुत सेना की तरह प्रतीत होता है। नागा साधु अपनी राख से ढकी नग्न देह और जटाओं के कारण पहचाने जाते हैं। वे महाकुंभ के अलावा अधिकतर समय गुफाओं और जंगलों में एकांतवास में रहते हैं। वे अमृत स्नान में भाग लेने के लिए कुंभ मेले में उपस्थित होते हैं।
महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां देश-विदेश से लोग इस विशाल धर्मसभा में शामिल होने आते हैं। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण धार्मिक संतों, तपस्वियों और महंतों की असाधारण उपस्थिति है।
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश का प्रतीक है। इस खास अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को महाकुंभ मेला 2025 के दौरान त्रिवेणी संगम पर पहले ‘अमृत स्नान’ में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बधाई दी। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन करते हुए लिखा कि उन्होंने “त्रिवेणी संगम में पहला अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित किया।”