वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को बजट भाषण में घोषित किया गया नया इनकम टैक्स बिल कल गुरुवार 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
यह नया बिल 622 पन्नों का होगा और 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 (Income Tax Act 1961) की जगह लेगा। एक बार पारित होने के बाद, इसे इनकम टैक्स एक्ट 2025 (Income Tax Act 2025) के नाम से जाना जाएगा और अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा।
7 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी थी। लोकसभा में पारित होने के बाद, इसे संसद की स्थायी वित्त समिति (Standing Committee on Finance) के पास आगे की रिव्यू के लिए भेजा जाएगा।
1. 823 पन्नों से घटकर अब 622 पन्ने: इनकम टैक्स एक्ट 1961 में 2024 में संशोधन के अनुसार 823 पन्ने हैं, और नया इनकम टैक्स बिल 622 पन्नों का है। इसलिए यह 201 पन्नों से छोटा है।
2. स्टैंडिंग कमेटी: संसद में बिल पास होने के बाद, इसे वित्त पर पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा, जो इसपर चर्चा करेगी।
3. टैक्स ईयर: पिछले वर्ष (जिस वर्ष आयकर की गणना की जाती है) और असेसमेंट ईयर (जिस वर्ष टैक्स की गणना की जाती है) के कांसेप्ट के विपरीत, अब इसे टैक्स ईयर के रूप में जाना जायेगा। इससे आम लोगों के बीच टैक्स को लेकर बोलचाल की भाषा में सुधार होगा।
नया इनकम टैक्स बिल 2025 या नया डायरेक्ट टैक्स कोड (Direct Tax Code) भारत की टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए लाया गया है।
इसका उद्देश्य टैक्स कानून को पुनर्गठित करना, विवादों को कम करना और टैक्स नियमों को ज्यादा स्पष्ट बनाना है। इसके लिए 22 विशिष्ट उप-समितियाँ बनाई गई हैं, जो इनकम टैक्स एक्ट के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेंगी।