ऑपरेशन सिंदूर: थरूर से ऐसी भी क्या अदावत? मोदी सरकार ने चुना तो विरोध में उतर गई कांग्रेस

भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, सरकार ने विभिन्न देशों में भेजने के लिए 7 सांसदों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल गठित किया गया है।

Anuj Shrivastava
अपडेटेड17 May 2025, 07:15 PM IST
शशि थरूर विदेश जाकर करेंगे पाकिस्तान को बेनकाब
शशि थरूर विदेश जाकर करेंगे पाकिस्तान को बेनकाब(HT)

Shashi Tharoor News: भारत सरकार अब विदेशों में जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करेगी। इसके लिए मोदी सरकार ने विपक्ष और खुद के मिलाकर 40 सांसदों की टीम बनाई है। इस टीम को 7 समूहों में बांटा गया है जो अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE में जाकर आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखेंगे।

केंद्र सरकार ने जो सात प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, उनमें से एक की अगुवाई कांग्रेस सांसद शशि थरूर करेंगे। इस डिप्लोमेटिक मिशन के लिए शशि थरूर का नाम सामने आया तो कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़ा कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने सरकार को शशि थरूर के नाम की पेशकश की ही नहीं है।

कांग्रेस ने भेजे थे 4 सांसदों के नाम

जब केंद्र सरकार की तरफ से शशि थरूर का नाम सामने आया तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की और पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए 4 सांसदों के नाम देने को कहा। इस पर पार्टी की तरफ से आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार का नाम भेजा गया। जयराम रमेश का कहना है कि पार्टी ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए शशि थरूर का चयन नहीं किया है।

दूसरी तरफ, विदेश जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करने वाले मिशन में जब शशि थरूर ने अपना नाम देखा तो उन्होंने भी एक्स पर पोस्ट के जरिए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हाल की घटना पर अपने देश का नजरिया रखने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब बात राष्ट्रीय हित की हो और मेरी सेवाओं की जरूरत हो, तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा।

बीजेपी ने कांग्रेस पर उठाया सवाल

कांग्रेस जब शशि थरूर का नाम प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने के विरोध में खुलकर सामने आ गई तो बीजेपी ने उसकी मानसिकता पर सवाल खड़ कर दिया। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि शशि थरूर की वाकपटुता, संयुक्त राष्ट्र में काम करने के उनके लंबे अनुभव और विदेश मामलों में उनके गहरे ज्ञान को कोई खारिज नहीं कर सकता है। फिर कांग्रेस पार्टी और विशेषकर राहुल गांधी ने प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में उन्हें नामित क्यों नहीं किया? अमित मालवीय के अलावा कई दूसरे बीजेपी नेताओं ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा।

शशि थरूर ही क्यों?

विश्व स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत को उन धुरंधरों की जरूरत है, जो विदेशों में जाकर गंभीरता से पाकिस्तान की पोल खोलें। इसलिए सरकार ने इसमें पक्ष और विपक्ष, दोनों के ही सांसदों को मौका दिया क्योंकि ये देश की बात है।

शशि थरूर कांग्रेस पार्टी जॉइन करने से पहले संयुक्त राष्ट्र में वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं। कूटनीतिक मामलों की समझ और वैश्विक मंचों पर प्रभावी संवाद की उनकी क्षमता से हर कोई वाकिफ है। उनकी लच्छेदार अंग्रेजी और ऑक्सफोर्ड जैसे मंचों पर बहस जीतने का रिकॉर्ड उन्हें वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखने के लिए आदर्श बनाता है।

थरूर के अलावा वो छह प्रतिनिधि कौन?

शशि थरूर के अलावा अन्य छह सांसद अलग-अलग प्रतनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुने गए हैं। ये सांसद हैं भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडीयू से संजय झा, डीएमके से के. कनिमोझी, एनसीपी(एसपी) से सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत शिंदे। इनकी अगुवाई में अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान और आतंकवाद के रिश्तों को उजागर करेंगे।

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