
अभिनेता पंकज धीर, जिन्होंने बी.आर. चोपड़ा की 1988 की टीवी सीरीज़ महाभारत में कर्ण का मशहूर किरदार निभाया था, का बुधवार को निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे। पंकज धीर पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि वे कैंसर से लड़ रहे थे।
पंकज धीर ने कई टीवी धारावाहिकों में काम किया, जिनमें चंद्रकांता, बढ़ो बहू, ज़ी हॉरर शो, कानून और हाल ही में ससुराल सिमर का शामिल हैं। उन्होंने फिल्मों में भी काम किया, जिनमें सोल्जर, अंदाज़, बादशाह और तुमको ना भूल पाएंगे जैसी हिट फिल्में हैं। उनके बेटे निकितिन धीर भी अभिनेता हैं, जो चेन्नई एक्सप्रेस, जोधा अकबर और सूर्यवंशी जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।
उनकी बहू कृतिका सेंगर भी जानी-मानी टीवी अभिनेत्री हैं, जो एक वीर स्त्री की कहानी – झांसी की रानी में मुख्य भूमिका में थीं। पंकज धीर के पिता सी.एल. धीर फिल्म निर्देशक थे। उन्होंने गीता बाली अभिनीत फिल्मों बहू बेटी और ज़िंदगी का निर्देशन किया था। अभिनय के अलावा पंकज धीर ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाया। उन्होंने अपने भाई सतलुज धीर के साथ मिलकर मुंबई में विज़ाज स्टूडियोज़ नाम का शूटिंग स्टूडियो शुरू किया।
साल 2010 में उन्होंने उभरते कलाकारों के लिए अभिन्नय एक्टिंग अकादमी की स्थापना की। महाभारत में कर्ण के रूप में पंकज धीर ने भारतीय टीवी पर पहले “एंटी-हीरो” में से एक का किरदार निभाया था। दर्शक उनके किरदार से गहराई से जुड़ गए थे, क्योंकि कर्ण अपनी पहचान खोजने, समाज की सीमाओं को चुनौती देने और कुरुक्षेत्र में सबसे श्रेष्ठ योद्धा बनने की चाह में संघर्ष करता है।
कर्ण के किरदार की छवि उनके करियर पर छाई रही, लेकिन उन्होंने चंद्रकांता में चुनारगढ़ के राजा शिवदत्त का एक और यादगार किरदार निभाया। यह धारावाहिक देवकीनंदन खत्री के 1888 में लिखे उपन्यास पर आधारित था। कर्ण की तरह ही उनका राजा शिवदत्त भी एक एंटी-हीरो था। वह “विषपुरुष” था, यानी उसके स्पर्श, चुंबन या खरोंच से भी किसी की मृत्यु हो सकती थी। टीवी पर उनकी आखिरी भूमिका 2024 में ध्रुव तारा – समय सदी से परे में थी। वे 2019 की वेब सीरीज़ पाइजन में भी दिखाई दिए थे।