
पितृ पक्ष हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह 15 दिनों की अवधि होती है, जिसमें लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और श्राद्ध कर्म करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस समय हमारे पितृ पृथ्वी पर आते हैं और इसलिए तर्पण या श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
कहा जाता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितृ दोष भी दूर हो जाता है। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत और अंत दोनों ग्रहण के समय होंगे। पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से होगी और अंत सूर्य ग्रहण पर होगा।
पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध से होगी। इसके बाद 8 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध किया जाएगा। पितृ पक्ष का समापन 21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या के साथ होगा। महालया अमावस्या पितृ पक्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यही दिन नवरात्रि की शुरुआत का संकेत भी देता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। मिंट हिंदी इस जानकारी की सटीकता या पुष्टि का दावा नहीं करता। किसी भी उपाय या मान्यता को अपनाने से पहले किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।)