अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर बड़ा हमला किया और इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका का निंदा किया है। पाकिस्तान का ये बयान ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले ही पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी और साथ में लंच भी किया था।
पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमलों की कड़ी निंदा करता है, जो कि इजरा/ल के सिलसिलेवार हमलों के बाद हुए हैं। हमें क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका को लेकर गंभीर चिंता है। हम दोहराते हैं कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं और ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है।’
इशाक डार ने आगे कहा, 'हालात जिस तरह से बेकाबू हो रहे हैं, वह बेहद चिंता का विषय है। अगर तनाव और बढ़ा, तो इसके गंभीर परिणाम पूरे क्षेत्र और दुनिया भर में महसूस किए जाएंगे।
डार ने अपील करते हुए कहा, 'हम अपील करते हैं कि आम लोगों की जान-माल की रक्षा की जाए और तुरंत संघर्ष को खत्म किया जाए। सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय कानून, खासकर इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन लॉ का पालन करना चाहिए। बातचीत और कूटनीति ही इस संकट को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है।'
बुधवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की ट्रंप से व्हाइट हाउस में लंच मीटिंग हुई थी। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को इस तरह आमंत्रित किया हो।
पाकिस्तान की सेना के मुताबिक, इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, आर्थिक विकास और क्रिप्टोकरेंसी जैसे मुद्दों पर चर्चा की, साथ ही ईरान-इजरायल तनाव पर भी विचार साझा किए।
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया है। इसके पीछे वजह बताई गई कि भारत-पाक संकट के दौरान ट्रंप ने निर्णायक कूटनीतिक भूमिका निभाई।
शनिवार रात अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतान्ज और इस्फहान में मौजूद तीन प्रमुख न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर जबरदस्त हमला किया। इसके बाद दुनिया की नजर फिर से स्ट्रेट ऑफ होरमुज पर टिक गई है, जो कि दुनिया के लगभग 20% तेल सप्लाई का रास्ता है।
गौरतलब है कि इस हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के प्रतिनिधि हुसैन शरियतमदारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के जहाजों के लिए स्ट्रेट ऑफ होरमुज को बंद करने की चेतावनी दी है।