रेल नेटवर्क से मिसाइल दागने की क्षमता, दुनिया के चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हुआ भारत

भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं (Defence Capabilities) को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए एक अभूतपूर्व मिसाइल लॉन्च (Missile Launch) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह परीक्षण एक विशेष रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया है, जो बिना किसी पूर्व शर्त के देश के पूरे रेल नेटवर्क पर चलने में सक्षम है।

Naveen Kumar Pandey
अपडेटेड25 Sep 2025, 09:01 PM IST
अब रेल नेटवर्क से भी दागी जाएगी मिसाइल।
अब रेल नेटवर्क से भी दागी जाएगी मिसाइल।

India Rail Mobile Launcher Missile Test Importance: लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों और ड्रोन से मिसाइल दागने की क्षमता हासिल करने के बाद भारत ने अपनी सामरिक क्षमता को बढाते हुए रेल से भी मिसाइल को सफलतापूर्वक दागकर सैन्य हथियार प्रणाली के क्षेत्र में नई उपलब्धि हासिल की है। चीन, उत्तर कोरिया और रूस के बाद यह क्षमता हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन गया है।

चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हुआ भारत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विशेष रूप से तैयार रेल पर बनाई गई लॉन्चर प्रणाली से ओडिशा की चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज में अग्नि मिसाइल श्रृंखला की नई पीढ़ी की मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया है। इस सफलता के साथ भारत यह क्षमता रखने वाले चीन, उत्तर कोरिया और रूस जैसे चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है।

राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन , सामरिक बल कमान और सशस्त्र बलों को बधाई दी है । उन्होंने कहा कि इस सफल उड़ान परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड प्रक्षेपण प्रणाली विकसित करने की क्षमता है।

परीक्षण क्यों है इतना खास?

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह अपनी तरह का पहला प्रक्षेपण (First-of-its-kind Launch) था, जिसे विशेष रूप से बनाए गए रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया। इस प्रणाली को बिना किसी तैयारी के रेल नेटवर्क पर चलने के लिए डिजाइन किया गया है।

तेज गतिशीलता और कम विजिबिलिटी में लॉन्च

यह नया वेपन सिस्टम (Weapon System) मिसाइल को देश भर में आसानी से ले जाने की क्षमता (Cross-Country Mobility) प्रदान करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कम विजिबिलिटी (Reduced Visibility) में भी बहुत कम प्रतिक्रिया समय (Short Reaction Time) के भीतर मिसाइल को लॉन्च कर सकता है। इससे दुश्मन को मिसाइल के ठिकाने का पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है।

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हाई-टेक फीचर्स से लैस सिस्टम

रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह लॉन्चर सिस्टम पूरी तरह से 'सेल्फ-सस्टेन्ड' (Self-sustained) है। यानी, यह मिसाइल लॉन्च करने की सभी स्वतंत्र क्षमताओं (Independent Launch Capability Features) से लैस है। इसमें अत्याधुनिक संचार प्रणालियां (State-of-the-art Communication Systems) और सुरक्षा तंत्र (Protection Mechanisms) भी शामिल हैं।

सभी मिशन उद्देश्य हुए पूरे

मंत्रालय के अनुसार, मिसाइल के पूरे रास्ते को विभिन्न ग्राउंड स्टेशंस (Ground Stations) ने ट्रैक किया। लॉन्च पूरी तरह से सफल रहा और इसने मिशन के सभी उद्देश्यों (Mission Objectives) को 'टेक्स्टबुक लॉन्च' की तरह पूरा किया।

भविष्य की तैयारियों के लिए अहम सफलता

इस सफल परीक्षण का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि यह सेना में भविष्य के रेल-आधारित सिस्टम्स (Futuristic Rail-based Systems) को शामिल करने का रास्ता खोल देगा। फिक्स्ड (Fixed) लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म्स से अलग, यह नई हथियार प्रणाली मिसाइलों को पूरे देश के रेलवे नेटवर्क से ट्रांसपोर्ट (Transport) और लॉन्च करने की अनुमति देती है, जो भारत की सामरिक शक्ति (Strategic Power) को कई गुना बढ़ाएगी।

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रक्षा क्षेत्र में लगातार हो रहे हैं परीक्षण

यह महत्वपूर्ण परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब एक महीने पहले ही भारत ने एक नए इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम (Integrated Air Defence System) का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। उस परीक्षण में विभिन्न हथियारों का उपयोग करते हुए अलग-अलग ऊंचाई और रेंज (Ranges) पर मौजूद तीन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक मार गिराया गया था।

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