Shantanu Naidu: Ratan Tata के खास दोस्त बने Tata Motors के GM, वसीयत में भी है हिस्सा

Ratan Tata के मित्र Shantanu Naidu टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर, हेड - स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स बन गए हैं। Ratan Tata से उनकी दोस्ती 2014 में शुरू हुई थी, जब उन्होंने आवारा कुत्तों की सुरक्षा के लिए एक अनोखा इनोवेशन किया था।

एडिटेड बाय Priya Shandilya
पब्लिश्ड4 Feb 2025, 02:31 PM IST
शांतनु नायडू, जिन्हें रतन टाटा के दोस्त के तौर पर भी जाना जाता है, को टाटा मोटर्स का जनरल मैनेजर और हेड - स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स बनाया गया है।
शांतनु नायडू, जिन्हें रतन टाटा के दोस्त के तौर पर भी जाना जाता है, को टाटा मोटर्स का जनरल मैनेजर और हेड - स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स बनाया गया है।(Shantanu Naidu)

Shantanu Naidu को Tata Motors का जनरल मैनेजर और स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस नई जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने LinkedIn पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय टाटा ग्रुप और अपने पिता को दिया।

नायडू ने लिखा, “मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि मैं टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर, हेड - स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स के रूप में नई भूमिका शुरू कर रहा हूं! मुझे याद है जब मेरे पिता सफेद शर्ट और नेवी ब्लू पैंट पहनकर टाटा मोटर्स प्लांट से घर आते थे, और मैं खिड़की से उनका इंतजार करता था। आज वो सर्कल पूरा हो गया है।”

शांतनु नायडू की शिक्षा और करियर

शांतनु नायडू ने 2014 में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और फिर 2016 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से MBA किया। 2018 में, उन्होंने रतन टाटा के असिस्टेंट के रूप में काम करना शुरू किया। उनकी रतन टाटा से करीबी दोस्ती चर्चा का विषय बनी रही। उनका एक वीडियो, जिसमें वह रतन टाटा के जन्मदिन पर गाना गाते दिखे, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

रतन टाटा और शांतनु नायडू की दोस्ती की अनोखी कहानी

शांतनु नायडू एक ऑटोमोबाइल डिज़ाइन इंजीनियर हैं। 2014 में, उन्होंने एक अनोखी तकनीक विकसित की थी, जिससे आवारा कुत्तों को बेहद स्पीड से चलने वाली गाड़ियों से बचाया जा सके।

रतन टाटा, जो खुद आवारा कुत्तों के प्रति प्रेम के लिए जाने जाते हैं, इस इनोवेशन से प्रभावित हुए। उन्होंने न केवल इस प्रोजेक्ट में निवेश किया, बल्कि शांतनु के मेंटर, बॉस और करीबी दोस्त बन गए। 

अपने ‘I Came Upon a Lighthouse’ नामक किताब में, शांतनु नायडू ने रतन टाटा से अपनी अनोखी दोस्ती का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि यह किताब टाटा के बिजनेस साम्राज्य से परे उनकी असल जिंदगी और अनदेखे पहलुओं को दर्शाती है।

शांतनु ने एक बार रतन टाटा से कहा था कि वह सिर्फ उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर नहीं, बल्कि उनकी रोमांचक यात्राओं और व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं पर लिखना चाहते हैं। इस पर टाटा ने सहमति जताते हुए कहा, "कोई भी एक किताब मेरी पूरी कहानी नहीं बता सकती।"

यह एक युवा मिलेनियल और इंडस्ट्री के दिग्गज के बीच एक अनोखी दोस्ती को दर्शाता है, जो रतन टाटा की कॉर्पोरेट दुनिया से परे एक मानवीय और दिल को छू लेने वाली झलक देती है।

रतन टाटा की वसीयत में भी है शांतनु नायडू का नाम

रतन टाटा ने अपनी वसीयत में शांतनु नायडू के प्रति अपनी उदारता का परिचय दिया।

2021 में, शांतनु नायडू ने Goodfellows नामक एक वेंचर शुरू किया था, जो भारत में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मदद करता है। रतन टाटा ने इस स्टार्टअप का समर्थन किया था, लेकिन बाद में इसमें अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी। इसके अलावा, रतन टाटा ने शांतनु नायडू का एजुकेशन लोन भी माफ करवा दिया, जो उन्होंने अपनी MBA की पढ़ाई के लिए लिया था।

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