
Sharad Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन काफी शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार पड़ रही आश्विन मास की शरद पूर्णिमा शुभ होने के साथ ही बेहद खास भी है। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन चांद 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और कहते हैं कि इस दिन सुबह स्नान करके दान करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर कई लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है कि आखिर कब है शरद पूर्णिमा। कुछ लोगो 5 को बता रहे हैं जबकि कुछ 6 को, अगर आप आप भी इसका जवाब खोज रहे हैं, तो चलिए आपको बताते हैं। इस बार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
शरद पूर्णिमा की शुरूआत 6 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 24 मिनट से हो जाएगी। जबकि इसका समापन 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस दिन चंद्रोदय शाम को 5 बजकर 31 मिनट पर होगा।
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशन में दूध से बनी खाने की चीज रखने पर वो अमृत बन जाती है। इसलिए वर्षों से शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर लोग चंद्रमा का रोशनी में रखते हैं। इस दिन खीर इसलिए भी बनाई जाती है, क्योंकि मां लक्ष्मी को खीर अत्यंत प्रिय है। इसलिए उन्हें खीर का भोग भी लगाया जाता है।
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा ही नहीं पंचक भी लग रहा है। भद्रा की शुरुआत 6 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगी और समापन रात को 10 बजकर 53 मिनट पर होगा। इसके अलावा पंचक 3 अक्टूबर से लग गया है, जो 8 अक्टूबर तक चलेगा।