
Sharad Purnima 2025 Wishes in hindi: शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक ऐसा त्योहार है, जो हर साल अश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार ये खास दिन 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को पड़ रहा है। लोग इस दिन घर सजाते हैं, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और कई लोग व्रत-उपवास भी रखते हैं। ऐसे खास मौके पर आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
सभी संकटों का नाश हो, मन में सदा शांति का वास हो।
शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं
2. चंद्रमा का आशीर्वाद आप पर जमकर बरसे
चांद सी शीतलता शुभ्रता कोमलता से मन हरषे
उदारता प्रेमलता से मन भर जाए
हर अपना-पराया इस दिन खुश हो जाए।
Happy Sharad Purnima 2025
3. चांद की चांदनी और खीर का मिठास,
आपके जीवन में लाए खुशियां और उल्लास।
शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं!
4. घर में धन की बरसात हो, लक्ष्मी का वास हो।
सभी संकटों का नाश हो, मन में सदा शांति का वास हो।
शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं
5. स्नेह लुटाती चांदनी, कर सोलह श्रृंगार
धवल चारू चन्द्र किरणें, अमृत बरसा रहे आज
शीतल, उज्जवल रश्मियां, मंत्रमुग्ध कर रही महारास
प्रेम को पूर्ण करती सुखभरी है आज की रात
शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं!
6. शरद पूर्णिमा की रात के साथ आती है अमृत वर्षा
जो भर देती है सबके जीवन में सिर्फ हर्ष और उत्साह
आशा है आपके जीवन में भी नई उमंगें आएं
आपको को शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
7. खुशी हर रात चांद बनकर आए,
दिन का उजाला शान बनकर आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हंसी,
शरद पूर्णिमा ऐसी सौगात लेकर आए।
शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं
8. संग गोपियां राधा चली कृष्ण के द्वार
कान्हा के सांवले रंग की बिखरे छटा अपार
पूर्णिमा के उज्जवल प्रकाश में मिली वो कृष्ण से
रास लीला आज होगी और नाचेगा सारा संसार
शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई
9. शरद पूर्णिमा का त्योहार आपके जीवन में नई उमंग लेकर आए,
आपको और आपके परिवार को शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं।
10. शरद पूर्णिमा का चांद आपके जीवन को रोशन कर दे,
सुख, शांति और सौभाग्य से आपका जीवन भर जाए,
पूर्णिमा की यह रात आपके सपनों को नई उड़ान दे,
चांद की उजली रोशनी आपके जीवन में आशा जगाए।
इस दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। मान्यता है कि उसकी किरणों में अमृत समान ऊर्जा होती है, जो सेहत और समृद्धि देती है। पौराणिक कहानियों के मुताबिक, इसी रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था, और माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। इसीलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखने की परंपरा है। माना जाता है कि चंद्रमा की किरणें उस खीर में अमृत जैसे गुण भर देती हैं। अगली सुबह इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।