Success Story: ऑनलाइन कपड़े धोकर अरुणाभ बन गए करोड़पति, मां ने कंगन बेचकर बेटे को IIT से पढ़ाया

Success Story: बिहार के अरुणाभ सिन्हा ने IIT बॉम्बे से पढ़ाई की। इसके बाद विदेश नौकरी करने चले गए। करीब 84 लाख रुपये का पैकेज था, लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा और ऑनलाइन कपड़ों की धुलाई का बिजनेस शुरू कर दिया। आज कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है।

Jitendra Singh
अपडेटेड25 Sep 2025, 06:08 AM IST
Success Story: UClean की स्थापना 20 लाख में हुई थी, अब 160 करोड़ का राजस्व पहुंच गया है।
Success Story: UClean की स्थापना 20 लाख में हुई थी, अब 160 करोड़ का राजस्व पहुंच गया है। (Dainik Bhaskar )

Success Story: आजकल के इस डिजिटल युग में हर काम ऑनलाइन होने लगा है। अब कपड़ों की धुलाई भी ऑनलाइन होने लगी है। कभी लोग धोबी के भरोसे रहते थे, अब यह चलन भी कम होने लगा है। क्या आप कभी सोच सकते हैं कि कपड़ों की धुलाई ऑनलाइन होने लगेगी और इससे करोड़ों की कमाई भी होगी। यह सब IIT बॉम्बे के छात्र अरुणाभ सिन्हा ने कर दिखाया है। अरुणाभ ने साल 2016 में 20 लाख रुपये लगाकर UClean की स्थापना की। इसके जरिए ऑनलाइन कपड़ों की धुलाई का बिजनेस शुरू किया गया है। आज कंपनी का टर्नओवर 160 करोड़ रुपसे से ऊपर पहुंच गया है।

अरुणाभ सिन्हा बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं। वो बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे। नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, अरुणाभ जब 8वीं क्लास में थे, तो 11वीं और 12वीं के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते थे। अरुणाभ की बचपन से इच्छा थी कि वो आईआईटी से पढ़ाई करें। इसके बाद उनका आईआईटी में चयन हो गया है। फीस भरने तक के लिए पैसे नहीं थे।

मां ने कंगन बेचकर बेटे को पढ़ाया

अरुणाभ के पिता अध्यापक थे। मां गृहिणी थीं। पिता की इतनी सैलरी नहीं थी कि बेटे को पढ़ा सकें। ऐसे में अरुणाभ की पढ़ाई के लिए मां ने अपनी शादी के कंगन बेचकर अरुणाभ की फीस भर दी। अरुणाभ अब आईआईटी से पढ़ाई करके विदेश में नौकरी करने लगे। करीब 84 लाख रुपये का पैकेज था। इसबीच उनकी शादी हो गई। इधर अरुणाभ का मन नौकरी में नहीं लग रहा था। उन्होंने कुछ बिजनेस का प्लान बनाया।

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UClean की स्थापना

अरुणाभ ने यूक्लीन (UClean) की स्थापना की, हालांकि यह उनका पहला स्टार्टअप नहीं था। इसके पहले फ्रेंग्लोबल नाम से एक कंपनी की स्थापना की थी। लेकिन, इसमें असफल होने के बाद वह ट्राइबो होटल्स में नौकरी करने लगे। इस दौरान जब उन्हें लॉन्ड्री बिजनेस का आइडिया मिला तो उन्होंने नौकरी छोड़कर दिल्ली के वसंत कुंज में अपना पहला स्टोर खोला. हालांकि, उनका यह काम परिवार के लोगों का पसंद नहीं आया। फिर भी अरुणाभ पीछे नहीं हटे। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 160 करोड़ रुपये पहुंच गया है।

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ऑनलाइन कैसे होती है कपड़ों की धुलाई

यूजर्स UClean ऐप, Website या WhatsApp से पिक-अप स्लॉट चुनते हैं। फिर एक्जीक्यूटिव दरवाजे से कपड़े लेता है। हर गारमेंट को बारकोड टैग किया जाता है। प्रॉसेसिंग के बाद 24 से 48 घंटे में डिलीवरी और डिजिटल पेमेंट, पूरी जर्नी रियल-टाइम ट्रैकिंग के साथ पूरी होती है।

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कैसे कीमत तय होती है

कंपनी की ओर से यूजर्स को ट्रांसपैरेंट रेट-कार्ड दिया जाता है। यूजर्स को वॉश-एंड-आयरन पर किलोग्राम और हर कपड़े की ड्रायक्लीन का रेट दिया जाता है। एक मिनिमम ऑर्डर तय किया गया है, जिसके ऊपर फ्री पिक-अप डिलीवरी मिलती है। कोई हिडन फीस नहीं लगती है और यूजर्स अपने हिसाब से पिकअप और डिलीवरी टाइम चुन सकते हैं।

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