
Success Story: कहते हैं कुछ भी करने की ठान लो तो फिर कुछ भी कठिन नहीं रह जाता है, फिर चाहे मुसीबतों का पहाड़ ही क्यों ना आ जाए। ऐसी ही कहानी पाकिस्तान से भारत कथूरिया परिवार की है। कथूरिया परिवार की पाकिस्तान के मुल्तान शहर में बड़ी मिठाई की दुकान थी। भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय कथूरिया परिवार पाकिस्तान से दिल्ली के नजदकी गुरुग्राम में बस गया। इसके बाद यहां कथूरिया परिवार ने ठेले पर बिजनेस शुरू किया। आज यह बिजनेस 600 करोड़ का पहुंच गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कथूरिया परिवार में प्रकाश कथूरिया और पुष्पेंद्र कथूरिया ने गुरुग्राम में ठेले पर सोहन हलवा का बिजनेस शुरू किया। आज दोनों भाईयों के नाम का सिक्का पूरे भारत में चलता है। कथूरिया परिवार का ओम स्वीट्स के नाम से बिजनेस हैं। कथूरिया परिवार ने डाडी बर्फी बनाई थी, जो आज के समय पर ओम स्वीट्स के लिए सबसे स्पेशन मिठाई बन गई है।
कथूरिया परिवार की दिल्ली-NCR में आज 20 से ज्यादा दुकाने हैं। यह परिवार ‘डोडा बर्फी’ का बादशाह बन गया। इस कहानी की शुरुआत आजादी से पहले मुल्तान में होती है, जहां कथूरिया परिवार सोहन हलवा बनाकर अपनी आजीविका चलाता था। उनके पास सिर्फ यही एक हुनर था, और उन्होंने इसे पूरे दिल से निखारा। 1947 में बंटवारे के बाद परिवार को भारत आना पड़ा। गुरुग्राम के अर्जुन नगर में उन्होंने एक छोटा सा सोहन हलवा का ठेला शुरू किया था।
इसबीच परिवार के मुखिया का देहांत हो गया तो फिर ओमप्रकाश ने अपनी पढ़ाई छोड़कर ठेले के बिजनेस को संभाला। उनकी मेहनत ने ठेले को एक छोटी सी दुकान में बदला, जो धीरे-धीरे बड़ा नाम बन गया। आज ओम स्वीट्स की मेन्यू में 600 से ज्यादा चीजें हैं। इसमें क्रिस्पी डोसा, चटपटा चाउमीन, रसीली रसमलाई और सबसे खास, उनकी ‘डोडा बर्फी’ शामिल है। यह बर्फी सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि लोगों के लिए एक जज्बात है। इसमें खास ‘अंगूरी गेहूं’ का इस्तेमाल होता है, जो इसे अनोखा स्वाद देता है। हर दिन 10,000 किलो बर्फी बिकती है और त्योहारों में यह आंकड़ा पांच गुना बढ़ जाता है। लोग इसकी मिठास के दीवाने हैं।